नई दिल्ली। वॉट्सऐप से चाइल्ड पॉर्नोग्रफी रोकने के लिए भारत सरकार ने एक नया कानून प्रोपोज किया है. वॉट्सऐप ग्रुप में चाइल्ड पॉर्नोग्राफी तेजी शेयर किए जा रहे हैं और यह समस्या गंभीर है. रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेन्स ऐक्ट के में कुछ संशोधन करने की तैयारी की है.
इन संशोधन में एक प्रावधान ये भी है कि अगर कोई इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप पर चाइल्ड पॉर्नोग्राफी के क्लिप्स सेंड करता है उसे सात साल की जेल हो सकती है और इसके लिए कोई बेल भी नहीं मिलेगी. इसके अलावा फाइन भी देना होगा.
प्रस्तावित कानून मे तहत सभी यूजर्स के लिए यह जरूरी होगा कि अगर उसके पास कोई चाइल्ड पॉर्नोग्राफी क्लिप आती है तो वो उसे अथॉरिटी को रिपोर्ट करे. अगर यूजर ने ऐसा नहीं किया तो इसके लिए भी भारी पेनाल्टी देनी होगी.
TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐक्ट में किया गया बदलाव फिलहाल कानून मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अप्रूवल के इंतजार में है. रिपोर्ट के मुताबिक हफ्ते भर में दोनों मंत्रालय से अप्रूव होकर ये कैबिनेट के पास जाएगा.
रिपोर्ट के मुताबिक इस संशोधन में कहा गया है कि कोई भी वॉट्सऐप पर शेयर करने के लिए अगर चाइल्ड पॉर्नोग्राफी अपने डिवाइस में स्टोर करता है खास कर कमर्शियल यूज के लिए तो उसे 3 साल की सजा हो सकती है. हालांकि इस संशोधन में चाइल्ड पॉर्नोग्राफी रिसीव करने वाले यूजर की सजा के बारे में नहीं लिखा है. लेकिन उन्हें रिपोर्ट करना अनिवार्य होगा और उन्हें डिलीट करना होगा.गौरतलब है कि भारत में सबसे ज्यादा वॉट्सऐप यूजर्स हैं और इन दिनों फेक न्यूज तेजी से फैलाए जा रहे हैं. इसे रोकने की कवायद भी चल रही है, लेकिन अब तक कोई ऐसे नतीजे पर कंपनी नहीं पहुंची है और न ही सरकार. वॉट्सऐप ने पहली बार भारत में वॉट्सऐप हेड भी बहाल किया है.