नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को कहा कि उन्हें ‘‘प्रसन्नता’’ है कि सुप्रीम कोर्ट ने वादियों को अदालती फैसलों की अनुवाद की गई प्रमाणित प्रतियां मुहैया कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. कोविंद ने कहा कि देश में कुछ
हाईकोर्ट भी वादियों को स्थानीय भाषाओं में अनुवाद की गई प्रमाणिक प्रतियां मुहैया करा रहे हैं. उन्होंने यहां ‘संविधान दिवस समारोह’ के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘एक वर्ष पहले मैंने इसी मंच पर अदालत के फैसलों की क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद की गई प्रमाणिक प्रतियों की सुविधा का सुझाव दिया था.
इससे उन वादियों को मदद मिलेगी जो अंग्रेजी भाषा नहीं जानते.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि भारत के प्रधान न्यायाधीश के नेतृत्व में हाईकोर्ट ने उनके पद संभालने के कुछ ही समय बाद हिंदी में अनुवादित प्रमाणित प्रतियों के लिए पक्रिया शुरू कर दी. कुछ हाईकोर्ट भी वादियों को स्थानीय भाषाओं में अनुवाद की गई प्रमाणित प्रतियां जारी कर रहे हैं.’’
राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान दिवस 2019 तक, ‘‘मैं देशभर के सभी हाईकोर्ट से उम्मीद करता हूं कि वे इसे लागू करें. यह न्याय की सीमाओं को विस्तारित करने में मदद करेगा.’’ दो नवम्बर को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट कवर करने वाले पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा में कहा था कि वादी यदि अंग्रेजी नहीं समझ सकते तो न्यायालय उन्हें फैसले की उनकी मातृभाषा में अनुवादित प्रमाणिक प्रतियां मुहैया कराएगा. प्रधान न्यायाधीश ने कहा था, ‘‘इसकी शुरूआत हम हिंदी में कर सकते हैं.’’ संविधान दिवस 26 नवम्बर को मनाया जाता है. 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को मंजूर किया था और वह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था