लखनऊ। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अब पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के फैसले को भी नहीं मान रहे हैं। सपा की बैठक में हुए धर्म, जाति के मुद्दे पर दूरी के फैसले को अनदेखा कर स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को संस्कृत भाषा में ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट में राम चरित मानस न लिखते हुए रघुनाथगाथा लिखा है। ऐसे सवाल उठने लगा है कि स्वामी प्रसाद पार्टी के फैसले को नहीं मानेंगे।
आपको बता दें कि रविवार को शिवपाल ने सपा विधायकों की बैठक ली। शिवपाल ने कहा कि समाजवादी पार्टी विधानसभा में मानस का मुद्दा अपनी ओर से नहीं उठाएगी। सभी विधायकों को हिदायत दी गई है कि वह धार्मिक मुद्दे उठाने से परहेज करें और जनता से जुड़े मुद्दों पर सरकार को घेरें।
स्वान्तः सुखाय तुलसी रघुनाथगाथा-
भाषानिबन्धमतिमञ्जुलमातनोति।
अपने अंतःकरण की खुशी हेतु सुमधुर भाषा में तुलसीदास की रचित रघुनाथगाथा महाकाव्य को धर्म से जोड़कर देश की महिलाओं, आदिवासियों, दलितो व पिछड़ो को अपमानित करने वाले लोग इन वर्गों को सम्मान से वंचित करने का महापाप कर रहे हैं— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) February 21, 2023
शिवपाल ने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि रामचरित मानस पर कोई भी नेता बयान नहीं देगा। बैठक में सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य नहीं आए। इससे पहले सदन में सपा के सचेतक मनोज पांडेय ने कार्यमंत्रणा समिति में पार्टी की ओर से उठाए गए मुद्दों को रखा। बैठक में तय हुआ कि कोई विधायक या पार्टी नेता किसी भी जाति, धर्म और समाज के खिलाफ कोई भी बयान नहीं देगा।