विनाशकारी भूकंप की मार झेल रहे तुर्किये ने पलक झपकते ही भारत के एहसानों को भूला दिया। संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार परिषद में मुस्लिम भाईचारा निभाते हुए उसने पाकिस्तान का साथ दिया। तुर्किये ने पाकिस्तान का समर्थन करते हुए भारत पर कश्मीर में मानवअधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया।
तकरीबन 2 महीने पहले जबरदस्त भूकंप ने मुस्लिम बहुल देश को हिला कर रख दिया था। प्रकृति के इस प्रकोप से हजारों लोगों की मौत हो गई थी। त्रासदी के कुछ ही घंटो के बाद भारत ने तुर्किये की मदद की। भारत के इस कदम की तारीफ भारत स्थित तुर्किये के राजदूत ने भी की थी। कश्मीर मुद्दे पर UNHRC में तुर्किये ने इस्लामी देशों के संगठन OIC के साथ मिलकर पाकिस्तान का पक्ष ले लिया।
पिछले दिनों पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने मुल्क के डिफेंस एक्विजिशन की आलोचना की थी। बता दें 22 दिसंबर, 2022 को भारत के रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 85,000 करोड़ रुपये से अधिक के 24 प्रस्तावों को मंजूरी दी थी। जिसके तहत सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने संबंधी योजनाएँ शामिल हैं। हिना रब्बानी ने भारत पर कश्मीर को लेकर कई झूठे आरोप भी लगाए थे। तुर्किये और ओआईसी ने पाकिस्तान के झूठ में सुर में सुर मिला दिया।
हालाँकि भारतीय राजनयिक सीमा पुजानी ने पाकिस्तान, तुर्किये और इस्लामिक देशों के संगठन को करारा जवाब दिया। पुजानी ने पाकिस्तान को आतंकी मुल्क कहते हुए कहा कि पाकिस्तान के लोग रोजी रोटी के लिए तरस रहे हैं लेकिन उनका भारत के साथ ऑब्सेशन नहीं छूट रहा। आर्थिक बदहाली का शिकार देश भारत के खिलाफ प्रोपगेंडा फैला रहा है। सीमा पुजानी ने कहा कि पाकिस्तान के मुँह से मानवअधिकारों की बात सुनना मजाक सा लगता है।
भारतीय राजनयिक ने हाफिज सईद, मसूद अजहर और ओसामा बिन लादेन का उदाहरण देते हुए पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान हमेशा से आतंकियों का पनाहगार रहा है। भारतीय राजनयिक ने कश्मीर मसले पर तुर्किये और OIC को पाकिस्तानी झाँसे में न आने की हिदायत दी। पुजानी ने तुर्किए और OIC को भारत के अंदरूनी मामलों में दखल न देने की सलाह दी। पुजानी ने जोर देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का पूरा क्षेत्र भारत का हिस्सा था, है, और रहेगा।