नई दिल्ली। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बजरंगबली की जाति वाले बयान से उपजे विवाद को थामने के लिए बीजेपी की राजस्थान इकाई ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है. राजस्थान की बीजेपी इकाई ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि चुनाव प्रचार के दौरान योगी आदित्यनाथ के भाषण को गलत तरीके से पेश किया गया है. बीजेपी ने इस वीडियो में बयान को गलत तरीके से पेश करने के लिए सीधे तौर पर मीडिया को जिम्मेदार बताया है.
बीजेपी द्वारा जारी वीडियो में आदित्यनाथ के एक-एक शब्द को लिखकर स्पष्ट किया कि योगी के कहने का संदर्भ किसी की भावना को भड़काना नहीं था, जो दिखाया जा रहा है. बीजेपी की ओर से जारी इस वीडियो में लिखा है कि बजरंगबली हमारी भारतीय परंपरा में एक ऐसे लोकदेवता हैं, जो स्वयं वनवासी हैं, गिरवासी हैं. दलित है वंचित है सबको लेकर के, सभी पूरे भारतीय समुदाय को उत्तर से लेके दक्षिण तक पूर्व से पश्चिम तक सबको जोड़ने का कार्य बजरंग बली करते हैं.
बता दें कि राजस्थान कांग्रेस के नेता और सर्व ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा ने योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद उन्हें नोटिस भिजवाया. अपने वकील के माध्यम से भेजे नोटिस में सुरेश मिश्रा ने कहा था कि बजरंगबली की पूजा पूरे विश्व भर में होती है, उनके प्रति पूरे हिंदू समाज की गहरी आस्था है. ऐसे में उन्हें दलित बताकर जातिगत सियासत का कार्ड खेलना बेहद शर्मनाक है. इससे हिंदू समाज की भावनाएं आहत हुई हैं. पंडित सुरेश मिश्रा ने योगी आदित्यनाथ से इस मामले में माफी मांगने को कहा है, साथ ही कहा था कि अगर 3 दिनों के भीतर माफी नहीं मांगी जाती है तो फिर वह कानूनी कदम उठाएंगे.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बजरंगबली को दलित और वनवासी कहने पर कांग्रेस नेताओं ने भी कड़ा एतराज जताया था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने बुधवार को कहा था कि बीजेपी अभी तक इंसान को बांटने का काम कर रही थी, लेकिन अब यह भगवान को भी जाति में बांट रहे हैं. तिवारी ने कहा था कि यूपी के सीएम छत्तीसगढ़ की सभा में बजरंगबली को आदिवासी, तो राजस्थान में बजरंगबली को दलित कह रहे हैं. इससे साफ पता चलता है कि बीजेपी वैचारिक स्तर किस हद तक गिर चुकी है.