ओडिशा के बालासोर में हुई भीषण दुर्घटना में 275 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, इस घटना में करीब 900 लोग घायल बताए जा रहे हैं। वहीं, इस खौफनाक हादसे में कुछ लोगों ने अपने माँ-बाप तक खो दिए हैं। ऐसी विषम परिस्थिति में अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी आगे आए हैं। उन्होंने माता-पिता खोने वाले बच्चों की स्कूली शिक्षा की जिम्मेदारी उठाने की बात कही है।
दरअसल, गौतम अडानी ने रविवार (4 जून, 2023) को ट्वीट कर इस रेल दुर्घटना पर दुःख जताया है। साथ ही उन्होंने लिखा है, “ओडिशा की रेल दुर्घटना से हम सभी बेहद व्यथित हैं। हमने फैसला लिया है कि जिन मासूमों ने इस हादसे में अपने अभिभावकों को खोया है उनकी स्कूली शिक्षा की जिम्मेदारी अडानी समूह उठाएगा। पीड़ितों एवं उनके परिजनों को संबल और बच्चों को बेहतर कल मिले यह हम सभी की संयुक्त जिम्मेदारी है।”
उड़ीसा की रेल दुर्घटना से हम सभी बेहद व्यथित हैं।
हमने फैसला लिया है कि जिन मासूमों ने इस हादसे में अपने अभिभावकों को खोया है उनकी स्कूली शिक्षा की जिम्मेदारी अडाणी समूह उठाएगा।
पीड़ितों एवं उनके परिजनों को संबल और बच्चों को बेहतर कल मिले यह हम सभी की संयुक्त जिम्मेदारी है।
— Gautam Adani (@gautam_adani) June 4, 2023
बता दें कि शुक्रवार (2, जून 2023) शाम करीब 6:55 मिनट पर ओडिशा के बालासोर जिले के महानगा गाँव के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरियों से उतर गई थी। इसके बाद वह ट्रेन लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। मालगाड़ी से टक्कर होने के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे बगल वाली पटरी पर चले गए। इस पटरी पर दूसरी दिशा से यशवंतपुर-हावड़ा सुपरफास्ट ट्रेन आ गई और कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बों में जाकर टकरा गई।
इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव बना हादसे की वजह…
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार (4, जून 2023) को एएनआई से हुई बातचीत में कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण यह हादसा हुआ। रेलवे कमिश्नर ने इस पूरे मामले की जाँच की है। जाँच रिपोर्ट सामने आने के बाद सारी चीजें स्पष्ट हो जाएँगीं। जाँच रिपोर्ट के बाद हादसे के आरोपित भी सामने आ जाएँगे।
#WATCH | The commissioner of railway safety has investigated the matter and let the investigation report come but we have identified the cause of the incident and the people responsible for it… It happened due to a change in electronic interlocking. Right now our focus is on… pic.twitter.com/UaOVXTeOKZ
— ANI (@ANI) June 4, 2023
ज्ञात हो कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के माध्यम से ट्रेन का ट्रैक तय किया जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो ट्रेन किस पटरी से जाएगी और कहाँ उसकी पटरियों में बदलाव होगा इसको लेकर सिग्नल देना वाला सिस्टम इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम कहलाता है। इस सिस्टम का उद्देश्य यह है कि किसी भी ट्रेन को तब तक आगे बढ़ने नहीं दिया जाता, जब तक इस बात की पुष्टि न हो जाए कि आगे की पटरियाँ या रास्ता पूरी तरह सुरक्षित है।