नई दिल्ली। इस महीने की 29 तारीख तक कश्मीर में 39 आतंकवादियों का सुरक्षा बलों ने सफाया कर दिया है इनमें नवीद जट जैसे टॉप आतंकवादी कमांडर्स भी शामिल हैं. ये पिछले दो साल में किसी एक महीने में मारे जाने वाले आतंकवादियों की सबसे बड़ी तादाद है. सूत्रों के मुताबिक आतंकवादियों के ज़ुल्मों से परेशान कश्मीरी अवाम अब टॉप आतंकवादी कमांडर्स तक के बारे में भी सुरक्षा बलों को सूचना देने में नहीं हिचक रहे हैं. पिछले महीने कुल 28, सितंबर में 29 और अगस्त में भी 28 आतंकवादी सुरक्षा बलों का निशाना बने थे. लेकिन इससे पहले के महीनों में मरने वाले आतंकवादियों की तादादा इसकी आधी होती थी.
कश्मीर घाटी में काम कर रही सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में आतंकवादियों के छिपने की जगह के बारे में आने वाली खुफिया सूचनाओं में भारी इज़ाफ़ा हुआ है. इन सटीक ख़बरों के मिलने के बाद सुरक्षा बलों के लिए आतंकवादियों और उनके कमांडरों को घेरकर मारना काफ़ी आसान हो गया है. हालात ये हो गई है कि इस समय घाटी में बड़े आतंकवादियों में केवल रियाज़ नायकू, ज़ीनत उल इस्लाम और ज़ाकिर मूसा ही अब बचे हुए हैं.
उन पर भी सुरक्षा बलों का घेरा इतना सख्त है कि उनके लिए कोई कार्रवाई कर पाना मुश्किल हो रहा है. आतंकवादियों ने अपनी मौजूदगी जताने के लिए हज़रत बल में एक बड़ी बैठक करके रणनीति तैयार की लेकिन उसके दो दिन के ही भीतर सटीक सूचना के आधार पर की गई कार्रवाई में इनमें से कई आतंकवादी मारे गए.
सूत्रों का कहना है कि कश्मीर में एक बड़ा वर्ग हाल ही में आतंकवादियों द्वारा आम कश्मीरियों को निशाना बनाने को लेकर बेहद गुस्से में है. इसलिए बड़ी तादाद में स्थानीय लोग आगे बढ़कर सुरक्षा बलों का साथ दे रहे हैं.
आतंकवादियों ने पिछले दिनों पृुलिस में काम कर रहे कश्मीरी युवकों को निशाना बनाया. साथ ही कश्मीरी युवकों को पुलिस की नौकरी छोड़ने का फ़रमान भी दिया गया. बेरोज़गारी से बुरी तरह परेशान कश्मीरी युवकों ने इस फ़रमान का सोशल मीडिया में खुलकर विरोध भी किया था. इसी महीने की 17 तारीख को शोपियां से 11 वीं एक छात्र को अगवा करने, बाद में उसकी हत्या करने और उसका वीडियो जारी करने से कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ़ लोगों में गुस्सा भर गया. इसी के दो दिन बाद शोपियां में ही एक और युवक का गला रेता गया और उसका वीडियों रिलीज़ किया गया.