नई दिल्ली। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने गुरुवार को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के संशोधित आकंड़ों पर बहस की पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की चुनौती को स्वीकार कर लिया. जीडीपी के संशोधित आंकडों में एनडीए सरकार के दौरान आर्थिक वृद्धि को पिछली यूपीए सरकार के मुकाबले बेहतर दिखाया गया है.
कुमार ने ट्वीट में कहा, “माननीय पी. चिदंबरम जी, चुनौती स्वीकार. आइए आंकड़ों पर चर्चा करें और इसके सभी हिस्सों का अवलोकन करें. मैंने कल तीन घंटे का विस्तृत साक्षात्कार दिया है और आपकी तरफ से यह आधा अधूरा सत्य लगता है कि मैंने मीडिया से सवाल नहीं पूछने को कहा. नये आंकड़ों के साथ आपकी जो भी दिक्कत है, आप उसका सुसंगत कारण बताएं.”
कुमार की यह प्रतिक्रिया चिदंबरम की उस चुनौती पर आई है ,जिसमें उन्होंने कुमार को आंकड़ों पर बहस करने की चुनौती दी थी.
चिदंबरम ने अपने ट्वीट में कहा था, “मुझे आश्चर्य है कि क्या नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार पत्रकारों को यह कहने के बजाय कि उनके “सवाल जवाब देने योग्य” नहीं है आंकड़ों पर बहस करने के लिये तैयार होंगे.”
कुमार ने अन्य ट्वीट में कहा, “चिदंबरम ने केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के अधिकारियों के खिलाफ असंतोष प्रकट किया है. सीएसओ अधिकारियों ने इस काम के लिये तकनीकी रूप से बहुत अभ्यास किया है.”
सरकार ने जनवरी 2015 में 2004-05 की जगह आकलन के लिए 2011-12 को आधार वर्ष बनाया था. इससे पहले इसे जनवरी 2010 में संशोधित किया गया था. सीएसओ ने 2011-12 को आधार वर्ष बनाते हुए जीडीपी आंकड़ों की सीरीज बुधवार को जारी की. नए आंकड़ों में दर्शाया गया है कि भारत की आर्थिक वृद्धि यूपीए सरकार के कार्यकाल में औसतन 6.7 प्रतिशत रही जबकि मौजूदा राजग सरकार के कार्यकाल में यह 7.3 प्रतिशत रही है.
जीडीपी आंकड़ों में हेराफेरी कर रही है मोदी सरकार : कांग्रेस
कांग्रेस ने बुधवार को मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह पिछले वर्षों के जीडीपी के आंकड़ों में हेराफेरी कर रही है और कहा कि यह पिछले 15 वर्षों में भारत के विकास की कहानी को बदलने का साजिश है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इसे एक ‘क्लासिक’ मामला बताया जिसमें ऑपरेशन तो सफल रहा लेकिन मरीज की मौत हो गई.