केजरीवाल से कम नहीं जंतर-मंतर वाले पहलवान: बबीता फोगाट, पीटी उषा और अब योगेश्वर दत्त, जिनके भी सुर हुए अलग उनके मेडल खोटे

पीटी उषा, योगेश्वर दत्त, बबीता फोगाटसुधीर गहलोत

भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के निवर्तमान अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ धरना देने वाली विनेश फोगाट ने अब ओलंपियन योगेश्वर दत्त पर हमला बोला है। विनेश आलोचना तो करती हैं, लेकिन शब्दों की मर्यादा भी भूल जाती हैं। भाजपा सांसद के बाद योगेश्वर के मामले में भी यह देखने को मिल रहा है। अगर दूसरे शब्दों में कहें तो ये पहलवान कुश्ती की अरविंद केजरीवाल साबित हो रही हैं।

जंतर मंतर पर अपनी मनमाफिक बात मनवाने के लिए धरना देने वाले पहलवानों ने जाट खाप पंचायतों से लेकर किसानों तक का सहयोग लिया। हालाँकि, उन्होंने पूरे मामले में जिसने भी सही बात की, उनके ऊपर ये लोग कीचड़ उछालने लगे। विनेश फोगाट ने दिल्ली पुलिस, IOA (भारतीय ओलंपिक संघ) के बाद अब योगश्वर दत्त पर भी यही कीचड़ उछालना शुरू कर दिया है।

दरअसल, IOA की एडहॉक कमिटी ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने वाले 6 पहलवानों- विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, संगीता फोगाट, सत्यव्रत कादियान और जितेंद्र किन्हा  को ट्रायल में छूट दी है। इन पहलवानों को एशियन और ओलंपिक, दोनों चैंपियनशिप में भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए सिर्फ ट्रायल के विजेताओं को हराने की जरूरत होगी।

इसी को लेकर योगेश्वर दत्त ने सवाल उठाया है। दत्त ने इसे कुश्ती के लिए काला दिन बताते हुए कहा, “सिर्फ यही 6 पहलवानों को ट्रायल में छूट देना मेरी समझ के बाहर है। बिना नियम देखे और बिना क्राइटेरिया बनाए लिया गया यह फैसला गलत है। तो जितने भी पहलवान हैं … लड़कियाँ हैं… अपनी आवाज जरूर उठाइए।”

उन्होंने आगे कहा, “मैं ये नहीं कहता कि धरना कीजिए, प्रदर्शन कीजिए… लेकिन अपनी आवाज मीडिया के माध्यम से उठाइए, आप प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखिए, गृहमंत्री जी को पत्र लिखिए, खेलमंत्री अनुराग ठाकुर जी को पत्र लिखिए, IOA को पत्र लिखिए।”

योगेश्वर दत्त द्वारा सवाल उठाए जाने पर विनेश फोगाट भड़क गईं और ट्विटर पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखा दिया। अपने पोस्ट में उन्होंने योगेश्वर दत्त को ना सिर्फ छवि का हनन करने की कोशिश की है, बल्कि उन्होंने भाषा की मर्यादा को खत्म करते हुए ‘तू-तड़ाक’ भी किया है। उन्होंने दत्त पर कई आरोप लगाए।

विनेश ने लिखा, “योगेश्वर दत्त का वीडियो सुना तो उसकी वह घटिया हँसी दिमाग़ में अटक गई। वह महिला पहलवानों के लिए बनी दोनों कमेटियों का हिस्सा था। जब कमेटी के सामने महिला पहलवान अपनी आपबीती बता रही थीं तो वह बहुत घटिया तरह से हँसने लगता। जब 2 महिला पहलवान पानी पीने के लिए बाहर आयीं तो बाहर आकर उनको कहने लगा कि कुछ ना हो बृजभूषण का। जाके अपनी प्रैक्टिस कर लयो।”

उन्होंने आगे लिखा, “एक दूसरी महिला पहलवान को बड़े भद्दे तरीक़े से बोला कि ये सब तो चलता रहता है। इसको इतना बड़ा इशू मत बनाओ। कुछ चाहिए हो तो मुझे बताओ। कमेटी की बैठक के बाद योगेश्वर ने महिला पहलवानों के नाम बृजभूषण और मीडिया को लीक कर दिए। उसने कई महिला पहलवानों के घर फ़ोन करके यह भी कहा कि अपनी लड़की को समझा लो। वह पहले ही सरेआम महिला पहलवानों के ख़िलाफ़ बयान दे रहा था, उसके बावजूद उसे दोनों कमेटियों में रखा गया।”

योगेश्वर पर व्यक्तिगत आरोप लगाते हुए विनेश ने आगे कहा, “वह पहलवानों और कोचों को महिला पहलवानों के आंदोलन में शामिल होने से लगातार रोकता रहा। सारा कुश्ती जगत समझ गया था कि योगेश्वर बृजभूषण की थाली का झूठा खा रहा है। कुश्ती जगत को आपका बृजभूषण के तलवे चाटना हमेशा याद रहेगा। समाज में कोई भी अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाता है तो योगेश्वर ज़रूर उल्टियाँ करता है। पहले किसानों, जवानों, छात्रों, मुसलमानों, सिखों पर घटिया टिप्पणियाँ कीं और अब महिला पहलवानों को बदनाम करने में लगा हुआ है।”

दत्त को गद्दार बताते हुए विनेश ने आगे कहा, “समाज से ग़द्दारी के कारण ही दो बार चुनाव में औंधे मुँह गिरे हो तुम। मैं चैलेंज करती हूँ कि कभी ज़िंदगी में चुनाव नहीं जीतोगे, क्योंकि समाज ज़हरीले नाग से हमेशा सावधान रहता है और उसके कभी पैर नहीं लगने देता। महिला पहलवानों को तोड़ने में इतना ज़ोर मत लगाओ। ध्यान रखना कहीं ज्यादा जोर लगवाने से कमर न टूट जाए। रीढ़ तो पहले ही बृजभूषण के पैरों में रख चुके हो। तुम बहुत संवेदनहीन इंसान हो। ज़ालिम के हक़ में खड़े हो, उसकी चापलूसी कर रहे हो। जब तक कुश्ती में योगेश्वर जैसे जयचंद रहेंगे, यकीनन जालिमों के हौसले बुलंद रहेंगे।”

दरअसल, ये पहलवान उन सबको निशाना बना रही हैं, जो उनसे अलग राय रखता है। ये पहलवान उन्हें बृजभूषण शरण सिंह का आदमी बताकर तुरंत अपराधी घोषित कर देती हैं। ये वही पहलवान हैं, जिन्होंने धरना दिया कि बिना उनके FIR दर्ज कराए बृजभूषण सिंह को कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से हटा दिया जाए। उस वक्त उन लोगों ने साफ कहा था कि वे एशियन या ओलंपिक चैंपियनशिप के लिए ट्रायल नहीं देंगी। यही उनकी प्रमुख माँग थी। इसका वीडियो भी सामने आया था।

दरअसल, बृजभूषण शरण सिंह ने साफ कर दिया था कि विशेषाधिकार किसी को नहीं मिलेगा। सबको ट्रायल में अपनी-अपनी वेट कैटेगरी के पहलवान को हराना होगा। जो जीतेगा वही टीम में शामिल होगा। इसके खिलाफ पहलवान धरने पर बैठ गईं। बाद में उन पर यौन शोषण का आरोप लगाया गया। इनमें एक आरोप एक नाबालिग लड़की के नाम पर था। हालाँकि, बाद में उस नाबालिग ने अपना बयान वापस लेते हुए साफ कर दिया कि उसने साथ बृजभूषण शरण सिंह ने कुछ नहीं किया और इन पहलवानों ने उस पर ऐसा करने के लिए दबाव बनाया।

दरअसल, धरनेबाज पहलवान चाहते थे कि POCSO एक्ट में बृजभूषण सिंह की तुरंत गिरफ्तारी हो जाएगी, उसके बाद कुश्ती संग वो अपने हिसाब से चलाएँगे। उन्होंने यहाँ तक माँग कर डाली थी कि कुश्ती संघ में बृजभूषण सिंह और उनका कोई भी आदमी चुनाव नहीं लड़ना चाहिए और ना ही इसमें मतदान करना चाहिए। धरनेबाज पहलवानों के अनुसार, पिछली बार खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ हुई मुलाकात में इस पर सहमति भी बनी है।

इन पहलवानों का साफ मानना है कि उनसे सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए। जो उनसे सवाल पूछेगा वो उनका विरोधी है, चाहे वह सरकार हो या खिलाड़ी। इन पहलवानों तो एक बार यहाँ तक आरोप लगा दिया था कि खेल मंत्री अनुराग ठाकुर बृजभूषण शरण सिंह को बचाव कर रहे हैं। इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद जब दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की तो इन पहलवानों ने साफ कह दिया कि उन्हें दिल्ली पुलिस पर विश्वास नहीं है।

विनेश फोगाट ने कहा था, “हमारी माँग है कि उन्हें (बृजभूषण शरण सिंह को) जेल में डाला जाए। उन्हें हर एक पद से हटाया जाए। सांसद पद से भी इस्तीफा दें।” वहीं, प्रदर्शन कर रहे बजरंग पूनिया ने कहा था, “उनको (बृजभूषण सिंह को) तुरंत जेल मे डाला जाना चाहिए। हम पुलिस की FIR का इंतजार कर रहे हैं कि किन धाराओं में केस दर्ज होता है। हमारा फोन केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने नहीं उठाया।”

पहलवान साक्षी मलिक ने यहाँ तक कह दिया था कि जाँच में पहलवान दिल्ली पुलिस को सहयोग नहीं करेंगे और ना ही इस मामले में अपना बयान दर्ज कराएँगे। साक्षी ने कहा था, “हम अपना बयान सुप्रीम कोर्ट में दर्ज कराएँगे। उनको (बृजभूषण शरण सिंह) को जेल में डालने और सभी पदों से हटाने के बाद ही हमारा प्रदर्शन खत्म होगा।”

पहलवानों की धरने और बयानबाजी को लेकर भारतीय ओलंपिक संघ (IOC) ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी थी। ओलंपिक संघ ने कहा था कि पहलवान धरना देकर भारत की छवि को धूमिल कर रहे हैं। IOC ने पहलवानों को एथलीट कमीशन में आने के लिए कहा। IOC की अध्यक्ष पीटी उषा ने पहलवानों के धरने को अनुशासनहीनता बताया था।

इसके बाद पहलवान पीटी उषा पर भड़क गए थे। पहलवान साक्षी मलिक ने पीटी उषा पर ही सवाल दाग दिया। साक्षी मलिक ने गुरुवार (27 अप्रैल 2023) को कहा, “मैं पीटी उषा का सम्मान करती हूँ। उन्होंने हमें प्रेरित किया है, लेकिन मैं मैम से पूछना चाहती हूँ कि महिला पहलवानों ने आगे आकर उत्पीड़न का मुद्दा उठाया है। क्या अब हम विरोध भी नहीं कर सकते।”

इतना ही नहीं, पीटी उषा जब इन पहलवानों से मिलने के लिए 3 मई 2023 को जंतर मंतर पर गईं तो उनके धक्का-मुक्की, खींचतान और बदतमीजी की गई। इसका एक वीडियो भी सामने आया था। वीडियो में एक महिला थप्पड़ ताने नजर आती है और पीटी उषा बचने की कोशिश करती हुई दिख रही हैं। सुरक्षाबल ने बड़ी मुश्किल से उन्हें वहाँ से निकाला था।

इसी तरह, उनके द्वारा लगाए गए आरोपों के एक-एक गिरने के बाद पहलवान बौखला गए। साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत ने सामूहिक रूप से एक वीडियो जारी किया था। इस वीडियो में उन्होंने एक कागज दिखाते हुए आरोप लगाया था कि उनके प्रदर्शन के लिए दिल्ली पुलिस से अनुमति भाजपा नेता बबीता फोगाट ने दिलाई थी। इसमें उन्होंने भाजपा नेता तीरथ राणा का भी नाम लिया था। इस दौरान साक्षी मलिक कॉन्ग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा का बचाव भी करती नजर आईं।

वीडियो सामने आने के बाद बबीता फोगाट ने दोनों के आरोपों को हास्यास्पद बताया था। बबीता ने पहलवानों पर आरोप लगाया कि वो अपने मामले में उन नेताओं का साथ ले रहे हैं जिन पर पहले से बलात्कार के केस चल रहे हैं। नए संसद भवन के उद्घाटन के दिन किए गए हंगामे और गंगा में मेडल बहाने जैसे प्रयासों को बबीता ने शर्मनाक कदम बताते हुए इसे देश की छवि को गिराने वाला काम बताया। उन्होंने पीएम पर भरोसा जताते हुए साक्षी और उनके पति पर कॉन्ग्रेस की कठपुतली बन जाने का भी आरोप लगाया।

इस तरह, विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक जैसे पहलवानों ने अपने साथी खिलाड़ियों से लेकर IOA की प्रमुख को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया कि उन लोगों का बयान इन पहलवानों को पसंद नहीं आया। वहीं, दिल्ली पुलिस और केंद्रीय मंत्री को इसलिए निशाना बनाया कि उन्होंने बृजभूषण सिंह को तुरंत गिरफ्तार करने की माँग की थी, जिस पर बिना आँख मूँदे अमल नहीं हुआ। इन तमाम कहानियों के बाद आखिरकार IOA की एडहॉक द्वारा उनकी वो सारे माँगें मान ली हैं, जिसको लेकर पहलवानों ने आरोप लगाए और अपने साथियों तक को निशाना बनाया। इसलिए सोशल मीडिया पर इन पहलवानों को रंग बदलने में सीएम केजरीवाल से भी दो कदम आगे बताया जा रहा है।

सभार ………