संविधान भी कहता है; UCC पर ‘आप’ का सैद्धांतिक समर्थन, पर एक शर्त भी रख दी

Kejriwal responds to PM Modi's 'revdi' culture remark: 'Don't insult  public…' | Latest News India - Hindustan Timesनई दिल्ली। देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू करने के विषय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रुख से अब नए तरीके से चर्चाएं तेज हो गई हैं। वहीं दिल्ली और पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) भी अब इस मुद्दे पर केंद्र की भाजपा सरकार के साथ खड़ी नजर आ रही है। ‘आप’ ने आज इस मुद्दे पर अपनी सैद्धांतिक सहमति जताकर सभी को हैरान कर दिया है।

‘आप’ के संगठन महासचिव और पंजाब के राज्यसभा सांसद डॉ, संदीप पाठक ने बुधवार को आजतक के साथ बातचीत में कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के मसले पर हम सैद्धांतिक तौर पर सरकार का समर्थन करते हैं। संविधान का अनुच्छेद-44 भी कहता है कि यूसीसी होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि लेकिन हमारा यह मानना है कि चूंकि यह मुद्दा कई सारे धर्म और संप्रदायों से जुड़ा हुआ है और हमारा देश कई सारे धर्म और सम्प्रदायों का एक समूह है, इसलिए सभी से चर्चा करके और सहमति बनाकर ही इसे लागू किया जाना चाहिए।

बता दें कि आम आदमी पार्टी इससे पहले भी कई मुद्दों पर केंद्र की भाजपा सरकार का समर्थन कर चुकी है, जिसको लेकर कांग्रेस ने ऐतराज जताया था, लेकिन फिलहाल यूनिफॉर्म सिविल कोड जोकि भाजपा के प्रमुख मुद्दों में से एक है उसको लेकर ‘आप’ की ओर से सैद्धांतिक तौर पर समर्थन देना, यह कदम 2024 से पहले विपक्षी दलों की एकता में दरार डाल सकता है।

पीएम मोदी ने कल की थी यूसीसी की वकालत

गौरतलब है कि, प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान यूनिफॉर्म सिविल कोड की जोरदार वकालत करते हुए कहा था कि देश दो कानूनों से नहीं चल सकता और समान नागरिक संहिता संविधान का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि संविधान में भी सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार होने का उल्लेख है। मोदी ने यह भी कहा कि भाजपा ने फैसला किया है कि वह तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति का रास्ता नहीं अपनाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष समान नागरिक संहिता के मुद्दे का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने और भड़काने के लिए कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष अपने सियासी फायदे के लिए यूसीसी का इस्तेमाल कर रहा है। आज यूसीसी के नाम पर लोगों को भड़काया जा रहा है। देश को दो (कानूनों) पर कैसे चलाया जा सकता है? संविधान भी समान अधिकारों की बात करता है…सुप्रीम कोर्ट ने भी यूसीसी लागू करने को कहा है, लेकिन विपक्ष वोट बैंक की राजनीति खेल रहा है। उन्होंने कहा कि एक घर में एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे के लिए दूसरा तो इस तरह घर चल पाएगा क्या? तो ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा?