‘CM बघेल के आशीर्वाद से हुई भयंकर लूट’: छत्तीसगढ़ में ₹2161 करोड़ के शराब घोटाले में BJP का आरोप, दावा- पैसा सत्ताधारी पार्टी को गया

सीएम भूपेश बघेल और रविशंकर प्रसादनई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जाँच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने विशेष PMLA कोर्ट में अभियोजन शिकायत दर्ज की है। इसमें आरोप लगाया गया है कि राज्य के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, राजनेताओं और कुछ व्यक्तियों के आपराधिक सिंडिकेट ने लगभग 2,161 करोड़ रुपए को अपनी जेब में डाला, जो कि सरकारी खजाने में जाना चाहिए था।

इसको लेकर भाजपा अब कॉन्ग्रेस पर हमलावर हो गई है। भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 2,161 करोड़ रुपए का शराब घोटाला यह बताता है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) से आशीर्वाद प्राप्त लोगों ने राज्य के कोष की भयंकर लूट की गई है। उन्होंने कहा कि सीएम की जानकारी के बिना इतना बड़ा घोटाला नहीं हो सकता है।

रविशंकर ने कहा, “4 जुलाई को कोर्ट में अभियोजन शिकायत दर्ज कराई गई है, जिसमें 1300 पेज के डॉक्युमेंट के साथ पूरे विषय को विस्तार से सामने रखा गया है। छत्तीसगढ़ की एक्साइज में जो शराब बिक्री होती है, जिस पर प्रदेश को ड्यूटी मिलती है। तो सिंडिकेट बनाकर 2161 करोड़ रुपए की लूट हुई है, जो सरकार को मिलनी चाहिए थी।”

छत्तीसगढ़ के कॉन्ग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने आगे कहा, “इस लूट का बड़ा हिस्सा, वहाँ के सत्ताधारी राजनीतिक दल को जाता था। वहाँ 800 शराब की दुकानें हैं और सब कुछ राज्य के द्वारा कंट्रोल होता है, प्राइवेट के लिए जगह नहीं होती है। इन दुकानों से कैसे पैसा कमाना है और सरकार को चूना लगाना है, यही इसकी कहानी है। इसमें डुप्लीकेट होलोग्राम बनाया गया। मतलब जाली होलोग्राम से अवैध देशी शराब बेची गई, जो कि अलाउड नहीं था।”

ढेबर और ढिल्लन के वकील फैजल रिजवी ने कहा, “मेरे मुवक्किल को झूठे मामले में फँसाया गया है। ED द्वारा कुर्क की गई संपत्ति को मेरे मुवक्किल ने घोटाला होने से बहुत पहले खरीदी थी। ईडी ने उनके कब्जे से 52 लाख रुपए जब्त किए, लेकिन मेरे मुवक्किल के पास उनके आयकर रिटर्न प्रमाणपत्र के अनुसार 97 लाख रुपए थे।”

एजेंसी का कहना है कि उत्पाद शुल्क विभाग में भ्रष्टाचार साल 2019 में शुरू हुआ था और वह साल 2022 तक जारी रहा था। एजेंसी ने आरोप लगाया गया कि सिंडिकेट का नेतृत्व ढेबर और एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ने किया था। इस IAS अधिकारी को अभी तक आरोपित नहीं बनाया गया है।

ED का कहना है कि दोनों ने व्यवस्थित रूप से राज्य की शराब नीति में बदलाव किया और उसका लाभ उठाया। शिकायत में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (CSMCL) को राज्य में शराब की बिक्री और गुणवत्ता को नियंत्रित करने के लिए फरवरी 2017 में बनाया गया था, लेकिन सिंडिकेट ने एक समानांतर उत्पाद शुल्क विभाग लागू किया।

ईडी ने आगे कहा कि त्रिपाठी के नेतृत्व में CSMCL ने देशी शराब सिर्फ उन्हीं से खरीदी, जो प्रति पेटी 75 रुपए का कमीशन दिए। इसके बदले में ढेबर ने उनकी लैंडिंग दरें बढ़ाने का वादा किया। लैंडिंग दर वह दर थी, जो CSMCL द्वारा शराब निर्माताओं को भुगतान की गई।

अभियोजन की शिकायत में कहा गया है, “घोटाले के हिस्से के रूप में पहले वर्ष में हर महीने 800 पेटी देशी शराब ले जाने वाले 200 ट्रक शराब बेचे गए और 2022-23 में यह मात्रा बढ़कर 400 ट्रक हो गई। ढेबर और सेवानिवृत्त आईएएस ने अवैध रूप से अर्जित धन का 15% हिस्सा रखा और शेष 75% राज्य के सर्वोच्च राजनीतिक अधिकारियों के निर्देशों के अनुसार राजनेताओं को दे दिया।”