लखनऊ। पीसीएस अधिकारी और बरेली के एसडीएम पद पर तैनात ज्योति मौर्य मामले में रोजाना नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं। पिछले महीने आलोक के रोते हुए वीडियो वायरल होने के बाद अब तक कई चीजें बाहर आ चुकी हैं। इस वजह से कोई ज्योति के पक्ष में है तो कोई आलोक को सही ठहरा रहा। सोशल मीडिया से लेकर आम घरों में भी ज्योति और आलोक के मामले की खूब चर्चाएं हो रही हैं। आलोक और उसके घरवालों पर झूठ बोलकर शादी करने का भी आरोप लगा है। एक शादी का कार्ड भी जमकर वायरल हुआ, जिसमें आलोक का पद गलत बताया गया। अब उस वायरल कार्ड पर आलोक के घरवालों या कहें ज्योति के ससुरालवालों ने जवाब दिया है।
आलोक मौर्य के चाचा ने झूठ बोलकर शादी करने के आरोपों से इनकार किया। उन्होंने कहा, ”ज्योति के पिता कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन वह सही नहीं है। दरअसल, जो भी शादी का कार्ड बना था, उसमें न तो आलोक का कोई पद लिखा गया था और न कोई और बात थी। जैसे शादी का कार्ड छपता है, उसी तरह से छपवाया गया था। वह तो कुछ भी बता सकते हैं और हम उसके जिम्मेदार नहीं हैं।” बता दें कि ज्योति और उनके पिता ने आलोक व घरवालों पर झूठ बोलकर शादी करने का आरोप लगाया था। इसमें एक शादी का कार्ड भी दिखाया गया था, जिसमें आलोक को ग्राम अधिकारी बताया गया। यह कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
‘पति-पत्नी के बीच तीसरे के आने से बढ़ेगा विवाद’
‘रिपब्लिक भारत’ से बात करते हुए आलोक मौर्य के घरवालों ने आगे कहा कि पति-पत्नी के बीच कोई तीसरा आएगा तो विवाद बढ़ेगा ही। यह साफ है कि तीसरे के आने के बाद से ही आलोक-ज्योति के बीच विवाद बढ़ गया। मनीष दुबे के आने के बाद से ही इतनी दिक्कत हुई हैं। पहले कभी कोई दिक्कत नहीं हुई कभी। लड़की पढ़ने में तेज थी और आलोक व उसके परिवारवालों ने पढ़ाई में सहयोग किया। प्रयागराज में पढ़ना, रहना, कोचिंग आदि बिना पैसे के नहीं हो सकता। यह सबकुछ मास्टरसाहब ही करते थे। जब वे रिटायर हुए तब भी 50-60 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए और ज्योति मौर्य के नाम से मकान लिया गया। अब वह दहेज की बात कर रही हैं। पैसे यहां से दिए गए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि आलोक चतुर्थ क्लास के कर्मचारी हैं, इस वजह से ज्योति को शर्म आ रही है। अलग होने के कई अन्य रास्ते भी थे। उन्होंने आगे बताया कि शादी के कार्ड कई जगह बंटे थे, किसी भी कार्ड में आलोक मौर्य, ग्राम पंचायत अधिकारी नहीं था। कार्ड में आलोक मौर्य, श्री मुरारी मौर्य यही था। अब वह अपने सम्मान के लिए ग्राम पंचायत अधिकारी लिखवा दें या कोई अपनी खुशी के लिए आईएएस डाल दे। इसके लिए मास्टर साहब जिम्मेदार नहीं हैं। आलोक के एक अन्य पड़ोसी ने शादी के वायरल कार्ड पर कहा कि जब ज्योति एसडीएम बनीं तो पूरे गांव में जश्न मना और मिठाई बंटी। शादी के 12-13 साल के बाद आपने यह जाना कि वह सफाईकर्मी है? यह बहाना करके उससे पिंड छुड़वा रही हैं।