‘प्रधानमंत्री की चुप्पी और निष्क्रियता ने मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया’, राहुल गांधी ने साधा पीएम मोदी पर निशाना

नई दिल्ली। मणिपुर के एक गांव में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने और भीड़ द्वारा उनसे छेड़छाड़ करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हंगामा मचा है। पुलिस ने बताया कि वीडियो में नजर आ रहे मुख्य आरोपियों में से एक को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग ने मणिपुर की घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए डीजीपी से तुरंत कार्रवाई करने को कहा।

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि घटना का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस की कई टीम का गठन किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि इनमें से एक व्यक्ति जिसे घटना का कथित मुख्य साजिशकर्ता कहा जा रहा है, थाउबल जिले से गिरफ्तार किया गया। इस घटना पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पीएम की चुप्पी और निष्क्रियता ने मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया है। जब मणिपुर में भारत के विचार पर हमला किया जा रहा है तो भारत चुप नहीं रहेगा। हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं। शांति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।

वहीं, दिल्ली महिला आयोग (DCW) प्रमुख स्वाति मालीवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को पत्र लिखकर जातीय हिंसा के जूझ रहे मणिपुर में कुछ पुरुषों द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने के मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगी।

NCW अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि मणिपुर की घटना दिल दहलाने वाली है, हमने इसमें DGP, CS और मणिपुर प्रशासन से बात की है। यह वीडियो मई का है, मामले में एक मुख्य आरोपी को गिरफ़्तार किया गया है। मैंने 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी है। साथ ही हमने ट्विटर को भी नोटिस दिया है कि उन्होंने इस तरह से एक महिला का बिना कपड़ों के वीडियो प्रसारित करने पर आपत्ति क्यों नहीं ज़ाहिर की।

मणिपुर की घटना पर आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा, ”मणिपुर से एक दर्दनाक वीडियो आया है। दुखद बात यह है कि बीजेपी सरकार यह मानने को तैयार नहीं है कि मणिपुर में सब कुछ ठीक नहीं है। एनडीए की बैठक के लिए 38 पार्टियां मिलीं, मैं पूछना चाहता हूं कि क्या कोई पीएम से पूछा कि मणिपुर क्यों जल रहा है। लोगों को अब डबल इंजन सरकार का मतलब समझ आ गया है। बीजेपी देश को सुरक्षा नहीं दे पा रही है। मणिपुर जल रहा है और वे पांच सितारा होटल में बैठक कर रहे हैं।”

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन औवेसी ने कहा कि प्रधानमंत्री को 2 महीने के बाद ख्याल आया कि वहां कूकी समुदाय के लोगों का नरसंहार हो रहा है। उन्होंने मजबूरी में प्रतिक्रिया दी है, क्योंकि वीडियो पूरी दुनिया में वायरल हो रहा है कि किस प्रकार से वहां महिलाओं को पुलिस की गिरफ्त से निकाल कर उनके साथ बर्बरता की गई।

राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि मणिपुर की घटना को लेकर प्रधानमंत्री ने चुप्पी तोड़ी जो अच्छी बात है लेकिन मणिपुर में अब तक जो हुआ, जो लूट मची, मणिपुर जल रहा था, इतनी बर्बरता हुई थी तब प्रधानमंत्री ने चुप्पी क्यों साधी हुई थी? गृह मंत्री चुप क्यों थे? उन्होंने कहा कि इस घटना पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी के बाद प्रधानमंत्री ने अपना बयान दिया वे पहले क्यों चुप थे। वे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। हमारे देश में इस तरह की घटना घटित होना शर्म की बात है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय से मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए फौरन आवश्यक कदम उठाने की मांग की। पवार ने कहा कि मानवता के बिना आपकी महिमा बेकार है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में खासतौर से महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों के परेशान करने वाले दृश्य देखना दुखद है और ये दृश्य घृणित हैं। शरद पवार ने ट्वीट किया, ‘‘यह मणिपुर के लोगों के लिए एकजुट होने, आवाज उठाने और न्याय मांगने का वक्त है। पीएमओ के साथ गृह विभाग को मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए फौरन आवश्यक कार्रवाई करने की आवश्यकता है।’’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने संबंधी वीडियो सामने आने के एक दिन बाद राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बृहस्पतिवार को बात की। सूत्रों ने यह जानकारी दी। गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री को चार मई को हुई इस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

मणिपुर हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा की मौत

इससे पहले पुलिस ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा था कि अज्ञात हथियारबंद बदमाशों के खिलाफ थाउबल जिले के नोंगपोक सेकमाई थाने में अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया है और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए हर संभव प्रयास जारी है। मणिपुर में तीन मई से इंफाल घाटी में रहने वाले बहुसंख्यक मेइती समुदाय और पर्वतीय इलाकों में रहने वाले जनजातीय कुकी समुदाय के बीच जातीय झड़पें हो रही हैं। हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।