Article 370 निरस्त होने की सालगिरह पर महबूबा समेत कई पीडीपी नेता नजरबंद

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं को अनुच्छेद 370 निरस्त होने की चौथी वर्षगांठ पर नजरबंद कर दिया गया है। पीडीपी ने 5 अगस्त यानी जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने की वर्षगांठ के विरोध में शांतिपूर्ण कार्यक्रम को लेकर अनुमति मांगी थी। पर जिला प्रशासन ने कार्यक्रम की अनुमति न देने के साथ ही पीडीपी नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी की कार्रवाई की है।

अनुच्छेद 370 को जम्मू-कश्मीर से हटे आज यानी शनिवार को पूरे चार साल हो गए हैं। पीडीपी ने 5 अगस्त को श्रीनगर पार्टी मुख्यालय के सामने शेर-ए-कश्मीर पार्क में एक शांतिपूर्ण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट श्रीनगर से अनुमति मांगी थी, पर प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया। साथ ही प्रशासन ने श्रीनगर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) का मुख्यालय सील कर दिया है, यहां तक कि किसी भी कर्मचारी को भी कार्यालय में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई है।

महबूबा मुफ्ती ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा है ‘मुझे आज अन्य वरिष्ठ पीडीपी नेताओं के साथ नजरबंद कर दिया गया है। यह कार्रवाई आधी रात के बाद की गई है, दूसरी ओर मेरी पार्टी के कई लोगों को पुलिस स्टेशनों में अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट में सामान्य स्थिति के बारे में भारत सरकार के झूठे दावे उनके दुर्भावना से प्रेरित कार्यों से उजागर हो गए हैं।’

एक अन्‍य ट्वीट में उन्‍होंने लिखा है ‘एक ओर पूरे श्रीनगर में कश्मीरियों से अनुच्छेद 370 के अवैध निरस्तीकरण का जश्न मनाने का आह्वान करने वाले विशाल होर्डिंग्स लगाए गए हैं। जबकि लोगों की वास्तविक भावना का गला घोंटने के लिए बल का प्रयोग किया जा रहा है। आशा है कि माननीय उच्चतम न्यायालय ऐसे समय में इन घटनाक्रमों पर संज्ञान लेगा क्‍योंकि अनुच्छेद 370 पर अभी सुनवाई हो रही है।’

केंद्र ने 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया था, जो पूर्ववर्ती राज्य जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देता था और इसे जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। शुक्रवार को महबूबा मुफ्ती ने दावा किया था कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की चौथी वर्षगांठ से पहले उनकी पार्टी के नेताओं को हिरासत में लिया जा रहा है।

महबूबा ने वीडियो पोस्ट करते हुए एक ट्वीट में कहा,5 अगस्त की पूर्व संध्या पर जम्‍मू-कश्‍मीर पुलिस पीडीपी नेताओं को हिरासत में क्यों ले रही है? इस वीडियो में आरिफ लैगरू को पुलिस द्वारा ले जाया गया है।’ कार्यक्रम के लिए पीडीपी ने शनिवार को अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को निरस्त करने पर आम जनता के साथ एक सेमिनार या चर्चा आयोजित करने की अनुमति मांगी थी।

पीडीपी ने पहले कहा था कि उसने यहां पीडीपी मुख्यालय के पास शेर-ए-कश्मीर पार्क में होने वाले कार्यक्रम के लिए कश्मीर से समान विचारधारा वाले दलों को आमंत्रित किया है। पीडीपी के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारे प्रतिनिधि को 4 अगस्त 2023 को शाम 5 बजे के आसपास बताया गया कि मांगी गई अनुमति बिना कोई कारण बताए अस्वीकार कर दी गई है।’

उन्होंने कहा कि पीडीपी को अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था, लेकिन भाजपा द्वारा जवाहर नगर पार्क में एक कार्यक्रम आयोजित करने और बाद में दोनों अनुच्छेदों के निरस्त होने का ‘जश्न मनाने’ के लिए नेहरू पार्क से एसकेआईसीसी तक एक रैली आयोजित करने के अनुरोध को अनुमति दे दी गई है। प्रवक्ता ने कहा,’प्रशासन के दोहरे और संदिग्ध रवैये की हम कड़ी निंदा करते हैं और यह बार-बार हमारे रुख की पुष्टि करता है कि प्रशासन और देश दोनों नियमों या संविधान के अनुसार नहीं, बल्कि भाजपा द्वारा निर्धारित राजनीतिक एजेंडे के अनुसार चलते हैं।’

ट्विटर पर, महबूबा ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने अनुच्छेद 370 के ‘अवैध’ निरस्तीकरण का जश्न मनाने का ‘तमाशा’ करने की खुली छूट दे दी है और यह सब देश में जनता की राय को ‘धोखा’ देने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘यह सामान्य स्थिति के दिखावे को उजागर करता है।अपने अवैध कार्यों को सही ठहराने के लिए एक फर्जी कहानी गढ़ी जा रही है।’