थानेदार, पत्रकार, टीचर और ठेकेदार… बिहार में लगातार हत्याओं से सनसनी!

बिहार में रविवार को ही दो लोगों की गोली मारकर की गई हत्याबिहार में हत्याओं की सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पत्रकार विमल यादव मर्डर को हुए अभी कुछ दिन भी नहीं बीते थे कि रविवार को फिर दो लोगों को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया. पहला मामला बेगूसराय से आया जहां एक रिटायर्ड शिक्षक को गोली मारकर हत्या कर दी गई. वहीं दूसरा मामला मोतीहारी से सामने आया है जहां चकिया थाना चौक पर अपराधियों ने ठेकेदार को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया. इसके अलावा रविवार को ही जमुई में अपराधियों ने पति-पत्नी को गोली मार दी.

राज्य में पिछले एक हफ्ते के दौरान 4 लोगों की जिस तरह दिन दहाड़े चार लोगों की गोली मारकर हत्या की गई है, उससे एक बार फिर नीतीश सरकार की कानून – व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न खड़े हो रहे हैं. बीजेपी इसकी तुलना जंगलराज से कर रही है. कुछ दिन पहले 14 अगस्त को समस्तीपुर में थानेदार की हत्या, फिर 18 अगस्त को अररिया में पत्रकार और अब 20 अगस्त को बेगूसराय में रिटायर शिक्षक तथा मोतिहारी में ठेकेदार की हत्या से महागठबंधन की सरकार सवालों के घेरे में है.

बेगूसराय में रिटायर शिक्षक की हत्या

रविवार सुबह बिहार के बेगूसराय में एक शिक्षक की गोली मारकर हत्या कर दी गई.  यह हत्या उसी तर्ज पर की गई जैसे अररिया में पत्रकार विमल यादव की गई थी. जहां पत्रकार विमल अपने भाई की हत्या के मामले में मुख्य गवाह थे, तो वहीं रिटायर शिक्षक जवाहर राय भी अपने बेटे की हत्या के मामले में मुख्य गवाह थे जिसकी हत्या 2021 में की गई थी.  जवाहर राय रविवार सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे कि इसी दौरान तीन बाइक सवार नकाबपोश बदमाशों ने उन पर गोलियां बरसा दी. गांव के लोगों के मुताबिक जवाहर राय रोजाना सुबह टहलने के लिए गांव से फतेहा रेलवे स्टेशन की तरफ जाते थे. आज भी जब वह फतेहा हॉल्ट के समीप सड़क पर मॉर्निंग वॉक कर रहे थे, उसी दौरान एक मोटरसाइकिल पर 3 नकाबपोश अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी.

मोतीहारी में ठेकेदार की हत्या

बदमाशों के हौंसले बिहार में कितने बुलंद हैं, इसकी एक झलक मोतिहारी में भी देखने को मिली, जहां रविवार यानि आज ही बेख़ौफ अपराधियो ने तांडव मचाते हुए चकिया चौक पर एक ठेकेदार की गोली मारकर हत्या कर दी. गोलीबारी की यह घटना सब्जी खरीदने के दौरान हुई. मृतक ठेकेदार की पहचान राजीव कुमार के रूप में हुई है जिनके सीने में बदमाशों ने दो गोली मारी हैं. मौके पर पहुंची पुलिस ने तीन  खोखे बरामद किए हैं. यहां भी अपराधी बाइक (अपाचे बाइक) पर सवार होकर आए थे और गोली मारकर मुजफ्फरपुर तरफ भाग गए. राजीव कुमार की मोतिहारी के रहमानिया अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.

जमुई में पति-पत्नी को गोली मारी

आज ही जमुई के खैरा प्रखंड के धोवघट गांव में अपराधियों ने एक पति-पत्नी को गोली मार दी. हालांकि दोनों की हालत खतरे से बाहर बतायी जा रही है और दोनों को बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया है.घायल युवक की पहचान धोवघट गांव निवासी उमेश सिंह के पुत्र विशाल सिंह और उनकी पत्नी नीलम देवी के रुप में हुई है. ग्रामीणों द्वारा घटना की सूचना खैरा पुलिस को दी गई. घटना की सूचना मिलते ही खैरा पुलिस पूरे दल बल के साथ गांव पहुंचकर मामले की छानबीन में जुट गई.

 घायल युवक गिद्धौर बाजार से अपनी दुकान बंदकर धर में खाना खाने ही बैठा था कि अपराधियों ने खिड़की से विशाल सिहं को गोली मार दी. गोली की आवाज सुनकर जब विशाल सिंह की पत्नी कमरे में आयी तो अपराधियों ने उसकी पत्नी नीलम देवी को भी गोली मार दी. बताया यह भी जा रहा है कि अपराधी चार-पांच की संख्या में थे और कुछ अपराधी घर की छत से घर के अंदर घुसने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन गोली चलने के बाद ग्रामीणों के घर के बाहर आ जाने के बाद सभी हवाई फायरिंग करते फरार हो गए.

अररिया में हुई थी पत्रकार की हत्या

शुक्रवार को ही पत्रकार विमल यादव की अररिया में उनके घर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई. सुबह साढ़े चार बजे के करीब बदमाशों ने पत्रकार विमल के घर का दरवाजा खटखटाया तो वो गेट खोलने बाहर निकले. जैसे ही दरवाजा खुला बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर मौत के घाट उतार दिया.गोलियों की आवाज सुनकर विमल की पत्नी पूजा देवी बाहर निकलीं तो पति लहूलुहान हालत में जमीन पर पड़े थे. इसके बाद उन्होंने चिल्लाकर आसपास के लोगों को बुलाया. लोगों ने फौरन रानीगंज थाना पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने विमल को अस्पताल पहुंचाया. यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

समस्तीपुर में थानेदार की हत्या

बीते 14 अगस्त को समस्तीपुर में एक थानेदार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मोहनपुर ओपी प्रभारी नंदकिशोर यादव मवेशी चोरों को पकड़ने के लिए गए थे. इसी दौरान 8 से 10 बदमाशों ने उन पर फायरिंग की थी. गोली उनके सिर में लगी थी. इसके बाद उन्हें गंभीर हालत में दलसिंहसराय अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां उन्होंने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. मृतक नंदकिशोर यादव ने 2009 में दरोगा के तौर पर पुलिस में ज्वॉइनिंग की थी.

नीतीश सरकार पर सवाल

ये हत्याएं ऐसे समय में हो रही हैं जब कुछ दिन पहले ही सीएम नीतीश कुमार ने अपराध के सवाल पर मुस्कुराते हुए दावा किया था कि राज्य में कही भी अपराध नहीं है. नीतीश कुमार ने कहा था कि राज्य में क्राइम की संख्या काफी कम हो चुकी है. इस बयान के अगले ही दिन अररिया में एक पत्रकार को घर के बाहर बुलाकर गोली मार दी गई और अब मोतिहारी और बेगसराय में हुई हत्याओं ने सुशासन सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है.

केंद्रीय मंत्री और बिहार बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नित्यानंद राय ने इस हत्याकांड को लेकर एक बार फिर नीतीश कुमार की सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा,  ‘बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के 1 साल के अंदर तीन हजार से ज्यादा हत्याएं हुईं. विधि व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है. सरकार अपराधियों को संरक्षण देने में लगी हुई है.’