नई दिल्ली। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद ISRO के प्रमुख एस सोमनाथ रविवार (27 अगस्त, 2023) को केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम पहुँचे। यहाँ उन्होंने पूर्णमिकवु में स्थित भद्रकाली मंदिर में दर्शन कर पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने कहा है कि चंद्रयान-3 अच्छी तरह से काम कर रहा है। साथ ही विज्ञान और आध्यात्म दोनों की ही खोज करना उनके जीवन का हिस्सा है।
भद्रकाली मंदिर में दर्शन के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) प्रमुख एस सोमनाथ ने ANI से बात की। इस बातचीत में उन्होंने कहा है, “मैं एक खोजकर्ता हूँ। मैं चंद्रमा के विषय में खोज करता हूँ। विज्ञान और आध्यात्मिकता दोनों को लेकर ही कुछ खोज करना मेरे जीवन की यात्रा का एक हिस्सा है। इसलिए मैं कई मंदिरों में जाता हूँ। कई धर्मग्रंथ पढ़ता हूँ।”
इसरो प्रमुख ने आगे कहा है, “यदि हम इस ब्रह्मांड में हमारे अस्तित्व और हमारी यात्रा का अर्थ खोजने का प्रयास करें, तो पता चलता है कि यह हमारी संस्कृति का एक हिस्सा है। इसे आंतरिक और बाहरी चीजों का पता लगाने के लिए बनाया गया है। इसलिए मैं बाहरी दुनिया के लिए विज्ञान का प्रयोग करता हूँ और आंतरिक आत्मा की तलाश के लिए मंदिरों में जाता हूँ।”
चंद्रयान-3 को लेकर अपडेट देते हुए उन्होंने बताया कि सब कुछ अच्छे तरीके से काम कर रहा है। चंद्रयान-3, लैंडर, रोवर सभी ठीक हैं। सभी पाँचों उपकरण चालू कर दिए गए हैं। इनसे डेटा मिलना भी शुरू हो गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने आने वाले दिनों में हम सभी प्रयोगों को पूरा करने में सक्षम होंगे। साथ ही जानकारी दी कि अलग-अलग चरण हैं, जिनके लिए इसका परीक्षण किया जाना है। रोवर जहाँ-जहाँ जाएगा उन सभी जगहों की टेस्टिंग करनी होगी।
भारत के अंतरिक्ष मिशन में एक ही टीम काम कर रही है। इसकी जानकारी देते हुए इसरो प्रमुख ने कहा है, “हमारे पास ऐसा नहीं है कि आदित्य टीम, चंद्रयान टीम जैसी टीमें हों। एक ही टीम काम कर रही है। इससे चुनौतीपूर्ण काम होने के कारण उनका आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है।”
चंद्रयान-3 के पॉइंट को ‘शिवशक्ति’ पॉइंट कहे जाने पर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा है कि प्रधानमंत्री ने महिला और पुरुष दोनों के संयोजन वाला नाम दिया है। उन्होंने इसका अर्थ जिस तरीके से बताया है जो सभी के लिए उपयुक्त है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने चंद्रयान-2 के पॉइंट को तिरंगा नाम दिया है। दोनों ही भारत के लगने वाले नाम हैं। उन्होंने आगे कहा है, “हम जो कर रहे हैं उसका एक महत्व होना चाहिए। देश के प्रधानमंत्री होने के नाते यह नाम रखने का उनका विशेषाधिकार है।”