तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य में मंत्री उदयनिधि के सनातन धर्म को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद बवाल जारी है। इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे ने भी उनके सुर में सुर मिला दिया है। हालांकि अपने बयान में उन्होंने सनातन धर्म का सीधा नाम नहीं लिया। सनातन धर्म और उदयनिधि के बयान को लेकर जब कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियंक खरगे से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, जो भी धर्म बराबरी को बढ़ावा नहीं देता और आपको मानव के तौर पर सम्मान नहीं देता, वह धर्म नहीं है। उन्होंने आगे कहा, जो भी धर्म बराबरी का अधिकार नहीं देता है और आपके साथ इंसान जैसा व्यवहार नहीं करता है वह बीमारी से कम नहीं है।
एमके स्टालिन के बेटे ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मेलिरिया जैसी बीमारियों से कर दी थी और कहा था कि इस तरह के धर्म को मिटा देना चाहिए। आपको बता दें कि उदयनिधि प्रदेश में युवा मामलों और खेल मंत्री भी हैं। इसके अलावा वह फिल्मों में भी लेखन, निर्देशन और अभिनय का काम करते हैं। उनके बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी उनकी कड़ी आलोचना हो रही है। इसके अलावा उनके खिलाफ शिकायत भी दर्ज करवाई गई है। उन्होंने कहा था, कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनका विरोध करना काफी नहीं है। हमें उन्हें पूरी तरह मिटाना होगा। मच्छर, डेगू, मलेरिया और कोरोना ऐसी चीजें हैं जिनका हमें विरोध नहीं कर सकते बाल्कि मिटाना जरूरी है। सनातन धर्म भी ऐसा ही है।
उदयनिधि के बयान के बाद भाजपा ने उन्हें आड़े हाथों लिया और कहा कि वह भारत की 80 फीसदी आबादी के नरसंहार की बात कर रहे हैं। क्योंकि भारत में 80 फीसदी लोग सनातन धर्म को मानते हैं। भाजपा ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि डीएमके लंबे समय से कांग्रेस की सहयोगी पार्टी है। क्या मुंबई में बैठक के बाद इसी बात पर सहमति बनी है? देश के संत समाज ने भी उदयनिधि के इस बयान का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सदियों से चले आ रहे सनातन पंथ को मिटाया नहीं जा सके। इसे मिटाने वाले बहुत सारे लोग आए और चले गए लेकिन सनातन अटल है।