नई दिल्ली। ‘सनातन धर्म का नाश’ की बात कहने वाले डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के बयान ने देश में सियासी तूफान ला दिया है। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे और डीएमके नेता उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना, डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से की है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसी बीमारियों का नाश कर देना चाहिए। स्टालिन के बयान को बीजेपी ने विपक्षी गठबंधन INDIA का एजेंडा करार दिया है। बीजेपी नेताओं ने इसे नरसंहार का आह्वान करार दिया। बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी का आरोप है कि ये लोग हिन्दू धर्म का समूल नाश करना चाहते हैं। ये भारत के समूल नाश का आधार है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हमला बोला कि क्या ऐसी बातें कहकर विपक्ष चुनाव में उतरना चाहता है। उधर, असम के सीएम हिमंता ने कहा कि अगर ऐसे बयान के बाद भी कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी उनका साथ नहीं छोड़ते, तो यही समझा जाएगा कि ये इन लोगों की मिली-जुली सोच है।
पहले जान लेते हैं कि डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने क्या कहा-
डीएमके नेता ने एक कार्यक्रम के दौरान ऐसा बयान दिया है। जिसके बाद उनके बयान की चौतरफा निंदा की जा रही है। उन्होने कहा, “कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही करना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते, हमें उन्हें खत्म करना है। उसी तरह, हमें सनातन धर्म को सिर्फ विरोध करने के बजाय खत्म करना है।
हिन्दू धर्म का नाश चाहती है INDIA
बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि इनका एजेंडा साफ है कि ये हिन्दू धर्म का नाश करना चाहते हैं। ये सिर्फ धर्म या संस्कृति का विषय नहीं हैये भारत के समूल नाश का आधार है। मैं यह बात इसलिए भी करना चाहता हूं कि भारत के दोनों हिस्से पाकिस्तान को ले लीजिए, वहां नरसंहार हो रहा है। 2019 से पहले कश्मीर को ले लीजिए, वहां पिछड़ा पन, अशिक्षा रही।
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने इस मामले में कहा, “मेरे पास उस राजनेता का बयान है और यही बयान कांग्रेस के एक सांसद पी. चिदंबरम ने भी जारी किया था। मैंने कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे का भी कमोबेश इसी तरह का बयान देखा है। मैं तमिलनाडु के उस मंत्री की निंदा नहीं करना चाहता क्योंकि उसने खुद को बेनकाब कर दिया है। लेकिन सवाल यह है कि क्या कांग्रेस पार्टी अभी भी डीएमके के साथ गठबंधन में रहेगी… यह राहुल गांधी के लिए एक परीक्षा है। उन्हें इस बारे में निर्णय लेना होगा कि वह सम्मान करते हैं या नहीं सनातन धर्म है या नहीं…अगर उन्होंने डीएमके से नाता नहीं तोड़ा तो लोग पुष्टि कर देंगे कि वे हिंदू विरोधी हैं…।”
गृह मंत्री अमित शाह ने उदयनिधि की टिप्पणी पर कहा है, उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि “सनातन धर्म का विचार सामाजिक न्याय के विचार के खिलाफ है और इसे खत्म किया जाना चाहिए”। उन्होंने सनातन धर्म और डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों के बीच एक समानता भी बताई। भाजपा नेताओं ने इसे नरसंहार का आह्वान करार दिया और उदयनिधि स्टालिन की आलोचना की और सवाल किया कि क्या INDIA के सभी सदस्य द्रमुक नेता की टिप्पणियों से सहमत हैं।
उधर, आलोचना का जवाब देते हुए, स्टालिन ने कहा है कि सनातन धर्म “एक सिद्धांत है जो लोगों को जाति और धर्म के नाम पर विभाजित करता है”। कहा, “मैंने कभी भी सनातन धर्म का पालन करने वाले लोगों के नरसंहार का आह्वान नहीं किया। सनातन धर्म को उखाड़ना मानवता और मानव समानता को कायम रखना है। मैं अपने द्वारा बोले गए हर शब्द पर दृढ़ता से कायम हूं। मैंने उत्पीड़ित और हाशिए पर रहने वाले लोगों की ओर से बात की, जो इसके कारण पीड़ित हैं।”