गाजा पट्टी के अस्पताल में भीषण विस्फोट के बाद इजरायल लगातार यह दावा कर रहा है कि उसकी सेना ने यह हमला नहीं किया है। इजरायली सेना की ओर से कहा गया कि विस्फोट स्थल पर गड्ढे का मौजूद न होना, इस बात का सबूत है कि यह उसके सुरक्षा बलों के हवाई हमले का नतीजा नहीं है, जैसा कि हमास दावा कर रहा है। इजरायल रक्षा बल (IDF) ने एक ‘साउंडट्रैक’ भी जारी किया है। इसे लेकर उसने दावा किया कि यह आवाज आतंकवादियों के बीच हुई बातचीत का अंश है जिसमें वे गलत दिशा में रॉकेट दागे जाने के बारे में बात कर रहे हैं। आईडीएफ ने कहा कि आतंकवादियों को एहसास हुआ कि रॉकेट गलत दिशा में अल-अहली अस्पताल की ओर दागा गया है। इजरायल ने फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन ‘इस्लामिक जिहाद’ पर असफल रॉकेट हमला करने का आरोप लगाया है।
Islamic Jihad struck a Hospital in Gaza—the IDF did not.
Listen to the terrorists as they realize this themselves: pic.twitter.com/u7WyU8Rxwz
— Israel Defense Forces (@IDF) October 18, 2023
मालूम हो कि फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद एक छोटा, लेकिन अत्यंत कट्टर फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन है। यह इजरायल के खिलाफ अपने साझा संघर्ष में हमास की मदद करता है। हालांकि, संगठन ने इन आरोपों से इनकार किया है। गाजा के हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अल-अहली बापटिस्ट अस्पताल में मंगलवार रात को हुए विस्फोट में 500 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए हैं। इस अस्पताल में पहले से घायल मरीजों की भरमार थी। इजरायल की ओर से नागरिकों को उत्तरी गाजा पट्टी के इलाके को छोड़कर दक्षिण की ओर जाने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद यहां पिछले दो-तीन दिनों से सैकड़ों फिलिस्तीनी नागरिक भी शरण लिए हुए थे, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि यहां शरण लेने से वे इजरायल की बमबारी से बच जाएंगे।
इजरायल के हमले में 2,778 लोगों की मौत
गाजा में स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि गाजा की सीमा से लगते दक्षिणी इजरायल में हमास की ओर से 7 अक्टूबर को किए गए हमले में 1,400 से अधिक लोगों की मौत हो गई। करीब 200 लोगों को गाजा में बंधक बनाकर रखा गया है। इसके जवाब में गाजा पर किए गए इजरायल के हमले में कम से कम 2,778 लोगों की मौत हुई है और गाजा के आसपास करीब 1,200 लोगों के जिंदा या मुर्दा मलबों में दफन होने का अंदेशा है। अस्पताल में भीषण विस्फोट के तुरंत बाद जॉर्डन ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी और जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय का पूर्वनियोजित शिखर सम्मेलन रद्द कर दिया और कहा कि अब वह युद्ध को रोकने में सक्षम नहीं है।