महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। इन सभी लोगों की हत्या खाने में धीमा जहर देकर की गई थी। इस साजिश का शिकार हुए परिवार के तीन अन्य लोग अस्पताल में भर्ती हैं।
पुलिस ने इस मामले में परिवार की बहू संघमित्रा कुंभारे और उसके पति की मामी रोजी रामटेके को गिरफ्तार किया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार प्रेम विवाह करने वाली संघमित्रा घरेलू हिंसा झेल रही थी। मौका देखकर रोजी रामटेके ने उसे भड़काया जो अपने ससुर की संपत्ति का बँटवारा नहीं चाहती थी। उसने परिवार के सदस्यों की हत्या में मदद का वादा संघमित्रा से किया। इसके बाद दो महीने की प्लानिंग के बाद परिवार के 5 लोगों की 20 दिनों के भीतर इस तरीके से हत्या की गई कि पहली नजर में यह तबीयत खराब होने से सामान्य मौत लगे।
यह घटना गढ़चिरौली के महगाँव की है। संघमित्रा और रोजी ने हत्या के लिए गूगल का सहारा लिया। इंटरनेट पर खाने में मिलाने वाला एक जहरीले फूल मिलने के बाद उसका ऑनलाइन आर्डर किया। लेकिन फिर पकड़े जाने के डर से इस तरीके को छोड़ दिया। फिर इन्हें पता चला कि थैलियम धीमे जहर का काम करता है और इसे खाने में आसानी से मिलाया जा सकता है। इसके बाद इन्होंने तेलंगाना थैलियम मँगवाकर परिवार के लोगों के खाने में मिलाना शुरू किया।
इसके असर से सबसे पहले 20 सितंबर 2023 को शंकर कुम्भारे और उनकी पत्नी विजया बीमार पड़े। दोनों को अहेरी के अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद बेहतर इलाज के लिए नागपुर भेजा गया। जहाँ 26 सितंबर को शंकर और 27 सितंबर को विजया की मौत हो गई।
इन मौतों और अस्पताल में भर्ती कराए गए परिवार के तीन अन्य लोगों में एक जैसे लक्षण ने सबसे पहले डॉक्टरों को चौंकाया। इन लक्षणों में अंगों में दर्द होना, पीठ के निचले हिस्से और सिर में तेज दर्द होना, होंठ काले पड़ना और जुबान का भारी होना शामिल हैं। इसके आधार पर डॉक्टरों को जहर देने का शक हुआ, जिसकी बाद में जाँच में पुष्टि भी हुई।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक एक महीने में ही एक परिवार के 5 लोगों की मौत होने से ये मामला पकड़ में आया। 18 अक्टूबर को 22 साल की संघमित्रा कुंभारे और 36 साल की रोजा रामटेके को गिरफ्तार किया गया।
गौरतलब है कि मूल रूप से अकोला की रहने वाली संघमित्रा ने दिसंबर 2022 में रोशन कुंभारे से अपने परिवार के खिलाफ जाकर शादी की थी। लेकिन शादी के बाद पति और उसके परिजनों का व्यवहार उसके प्रति सही नहीं था। उसे हिंसा झेलनी पड़ रही थी। संघमित्रा को मायके में प्रताड़ित किए जाने की जानकारी मिलने के बाद उसके पिता ने अकोला में खुदकुशी कर ली। इससे उसे भावनात्मक तौर पर काफी ठेस पहुँची।