इजरायल और हमास के युद्ध के बीच विभिन्न देशों में फिलिस्तीन और गाजा के समर्थन में प्रदर्शन हो रहे हैं। पिछले दिनों ब्रिटेन की राजधानी लंदन में फिलिस्तीन के समर्थन में न सिर्फ प्रदर्शन हुए बल्कि प्रदर्शनकारियों ने ‘जिहाद’ के नारे भी लगाए। इस मामले में डेली मेल ने एक ऐसे कट्टरपंथी मुस्लिम डॉक्टर के नाम का खुलासा किया है जिसने इजरायल विरोधी प्रदर्शन में जिहाद का आह्वान किया था।
दरअसल, ब्रिटेन में हिज़्ब उत-तहरीर के प्रमुख के रूप में डॉ अब्दुल वाहिद शाइदा (Dr Wahid Asif Shaida) का नाम सामने आया है जिसने इस महीने की शुरुआत में हमास के बर्बर आतंकवादी हमलों में 1400 से अधिक इजरायलियों की मौत का जश्न मनाया था। इस प्रोटेस्ट में जिहाद का आह्वान करने वाले की पहचान डॉ. वाहिद आसिफ़ शैदा के रूप में हुई है जो एक पारिवारिक डॉक्टर के रूप में दो दशक से ज़्यादा समय से वहाँ रह रहा है।
हालाँकि, डॉ के इस आतंकी चेहरे के बारे में उनके मरीजों को कोई खबर नहीं थी वे सभी डॉ वाहिद के दोहरे चरित्र से अनजान थे। जिहाद समर्थक एक एनएचएस डॉक्टर, जो दोहरी जिंदगी जी रहा है। वो प्रदर्शन के दौरान जिहाद की माँग करता है और दूसरी तरफ लोगों का इलाज करता है। उसके बारे में खुलासा होने के बाद लोग चिंता जता रहे हैं कि वो कैसे यहूदियों, समलैंगिकों और महिलाओं का इलाज करता होगा।
दरअसल, इंग्लैंड के नेशनल हेल्थ सर्विस में कार्यरत डॉ वाहिद को लेकर लोग चिंतित है कि किस तरह से जिहादी एनएचएस में एंट्री करने में कामयाब हो रहे हैं। जिहादी मानसिकता वाले लोग कैसे आम महिलाओं, समलैंगिकों और यहूदियों का इलाज करेंगे, क्योंकि वो इन्हें ‘खराब’ मानते हैं।
20 साल से ज्यादा समय से एनएचएस में कार्यरत
डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ वाहिद आसिफ शाइदा जरनल फिजीशियन के तौर पर 20 साल से नेशनल हेल्थ सर्विस में काम कर रहा है। अभी तक उसके जिहादी मानसिकता का खुलासा नहीं हो पाया था, क्योंकि वो अधिकतक समय वाहिद आसिफ के नाम से ही प्रदर्शनों में शामिल होता था। उसके बारे में खुलासा होने के बाद लंदन के उपनगरीय इलाके हैरों में रहने वाले लोगों को विश्वास ही नहीं हुआ, क्योंकि उन्हें लगता था कि NHS जीपी एक मृदुभाषी व्यक्ति और काम से काम से काम रखने वाला इंसान है।
बता दें कि हिज़्ब उत-तहरीर ने पिछले वीकेंड पर उस समय लोगों में गुस्सा भर दिया, जब इस संगठन के लोगों ने लंदन में मिस्र और तुर्की दूतावासों के बाहर एक रैली के दौरान ‘जिहाद’ के नारे लगाए और इजरायल पर हमला करने के लिए ‘मुस्लिम सेनाओं’ की एकजुटता का आह्वान किया। इस रैली में फिलिस्तीन के लिए जिहाद के नारे लगाए गए और फिलिस्तीनियों को बचाने के लिए सबसे जिहाद में जुटने का आह्वान किया गया।
स्थानीय लोगों ने गृह सचिव सुएला ब्रैवनमैन का विरोध किया है, क्योंकि जिहादी मानसिकता का खुलासा होने के बावजूद न तो डॉ वाहिद को गिरफ्तार किया गया है और न ही उसके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है। सुरक्षा विभाग के प्रमुख सर मार्क रोवले ने कहा कि जिहाद का मतलब पवित्र युद्ध होता है, लेकिन उसके खिलाफ हिंसा का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।
इस हमले के दौरान हमास ने 225 से अधिक इजरायलियों को बंधक बना लिया और गाजा पट्टी लेकर गए। हालाँकि, इस हमले के बाद इजरायल ने हमास पर पलटवार किया है और इजरायल के हमलों में अब तक 7000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इजरायल ने उत्तरी गाजा को खाली करने का अल्टीमेटम दिया है, और गाजा पर अभी भी हमला जारी है।