माल्‍या प्रत्‍यर्पण केस की सुनवाई के लिए CBI और ED की टीम ब्रिटेन रवाना, कल आ सकता है फैसला

नई दिल्‍ली। बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज लेकर फरार हुए भगोड़े कारोबारी विजय माल्‍या के प्रत्‍यर्पण मामले की सुनवाई सोमवार को ब्रिटेन की कोर्ट में हो सकती है. इसके लिए रविवार को सीबीआई और ईडी की संयुक्‍त टीम सीबीआई के ज्‍वाइंट डायरेक्‍टर ए साई मनोहर के नेतृत्‍व में ब्रिटेन रवाना हो गई है. माना जा रहा है कि कोर्ट माल्‍या के प्रत्‍यर्पण के मामले में सोमवार को अपना फैसला सुना सकता है.

ब्रिटेन की कोर्ट में माल्‍या के प्रत्‍यर्पण के लिए भारत के विशेष अनुरोध पर सुनवाई होनी है. बता दें कि सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्‍थाना पहले इस केस का नेतृत्‍व कर रहे थे.  बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कारोबारी विजय माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के लिए मुंबई की एक अदालत में चल रही कार्यवाही को चुनौती देने वाली उसकी याचिका पर 7 दिसंबर को को प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी किया था.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने विजय माल्या की याचिका पर नोटिस जारी किया लेकिन उसने मुंबई की धन शोधन मामले की रोकथाम संबंधी विशेष अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने से इंकार कर दिया.

प्रवर्तन निदेशालय ने विशेष अदालत से लंदन में रह रहे कारोबारी माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने का अनुरोध किया है. इस कानून के तहत यदि किसी व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया गया तो उस पर मुकदमा चलाने वाली एजेन्सी को उसकी संपत्ति जब्त करने का अधिकार होता है.

वहीं भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने बुधवार को कहा कि उनके ब्रिटेन से भारत में प्रत्यर्पण के मामले में कानून अपना काम करेगा लेकिन मैं “जनता के पैसों” का 100 प्रतिशत भुगतान करने के लिये तैयार हूं.

माल्या प्रत्यर्पण को लेकर ब्रिटेन में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने दावा कि नेताओं और मीडिया ने उन्हें गलत तरीके से “डिफॉल्टर” के रूप में पेश किया. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, “मैंने देखा है कि मेरे प्रत्यर्पण के फैसले को लेकर मीडिया में कई चर्चाएं चल रही हैं. यह अलग मामला है और इसमें कानून अपना काम करेगा.”

माल्या ने कहा, “जनता के पैसे सबसे जरूरी चीज है और मैं 100 प्रतिशत पैसे वापस करने की पेशकश कर रहा हूं. मैं बैंकों और सरकार से अनुरोध करता हूं कि वो इस पेशकश को स्वीकार करें.” माल्या पर कई बैंकों का 9000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है. यह कर्ज उसकी कंपनी फिंगफिशर एयरलाइंस को दिया गया था.माल्या मार्च 2016 में देश छोड़कर ब्रिटेन चले गये थे.

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