लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से गिरफ्तार किए गए ISIS के संदिग्ध आतंकी अब्दुल्ला अर्सलान और माज बिन तारिक से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है. उन्होंने बताया कि उनके निशाने पर गाजियाबाद के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती समेत अन्य हिंदूवादी नेता थे. अब्दुल्ला अर्सलान बम ब्लास्ट कर नरसिंहानंद की हत्या की प्लानिंग रच रहा था. अर्सलान पेट्रोकेमिकल इंजीनियर है. उसने AMU से बीटेक किया हुआ है.
यूपी ATS के हत्थे चढ़े अब्दुल्ला अर्सलान और माज बिन तारिक के साथ वजीऊद्दीन ने महंत याति नरसिम्हानंद के डासना स्थित शिव शक्ति धाम मंदिर की रेकी भी कर ली थी. अर्सलान के साथ माज बिन तारिक और वजीउद्दिन इस साजिश में शामिल भी थे. वजीऊद्दीन को एटीएस ने छत्तीसगढ़ के दुर्ग से गिरफ्तार किया था. जबकि, अर्सलान और तारिक को अलीगढ़ से गिरफ्तार किया गया था.
तीनों ने पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया है. उनके निशाने पर कई हिंदूवादी नेता थे. उन्होंने उनकी रेकी की थी. लेकिन वारदात को अंजाम देने से पहले एटीएस ने उनको धर दबोचा. चूंकि एक आरोपी का संबंध अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) से निकला है, ऐसे में AMU के पूर्व छात्रों के ग्रुप SAMU (Students of Aligarh Muslim University) को लेकर तफ्तीश तेज कर दी गई है.
बताया जा रहा है कि अब्दुल्ला अर्सलान का ISIS से कनेक्शन है और वह बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने वाला था. यूपी एटीएस ने उसे 5 अक्टूबर की रात उसके अलीगढ़ स्थित घर से गिरफ्तार किया था. अर्सलान के पास से यूपी एटीएस ने पेन ड्राइव, मोबाइल सहित कई संदिग्ध वस्तुएं बरामद की थीं.
वहीं, ATS ने माज बिन तारिक को भी अलीगढ़ से ही एक दूसरी जगह से गिरफ्तार किया था. उसके कब्जे से आईफोन, पेन ड्राइव, एंड्रॉयड फोन और अन्य चीज बरामद की गई थीं. यूपी एटीएस का दावा है कि दोनों पकड़े गए लड़के आईएसआईएस संगठन से जुड़े हुए हैं.
अब्दुल्ला अर्सलान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक कर चुका है. ISIS के हैंडलर्स ने अर्सलान और माज बिन तारिक का पुणे मॉड्यूल से संपर्क कराया था.