संसद सुरक्षा चूक मामले में दिल्ली पुलिस ने साजिशकर्ता ललित झा को गिरफ्तार कर लिया है। ललित झा ने विजय पथ पुलिस स्टेशन में आकर खुद को सरेंडर किया। उस पर आरोप है कि वो संसद के बाहर मचे हड़कंप की वीडियो बनाने के बाद वहाँ से फरार हो गया था। फरार रहने के दौरान उसने चारों आरोपितों के फोनों को नष्ट कर दिया और सबूत मिटाने का प्रयास किया। पुलिस को शक हैं कि उसने जाँच को भटकाने के लिए ऐसा किया है।
जानकारी के मुताबिक, घटना को अंजाम देने से पहले चारों आरोपितों ने अपने अपने फोन ललित झा को सौंपे थे क्योंकि उन्हें पता था कि ये कारनामा करने के बाद वो लोग पकड़े जाएँगे। ऐसे में पुलिस के हाथ कोई सबूत न लगे इसलिए उन्होंने अपने फोन ललित को दे दिए थे। ललित घटना के वक्त तक संसद के बाहर खड़ा था लेकिन बाद में वो वहाँ से निकल निकल गया। उसने राजस्थान के कुचामन में जाकर अपने दोस्त महेश के साथ सभी आरोपितों के फोन को जलाया।
Parliament security breach accused, Lalit Mohan Jha came to the police station on his own. He is being interrogated: Delhi Police
— ANI (@ANI) December 14, 2023
बताया जा रहा है कि पुलिस ने ललित झा को पकड़ने से पहले महेश के चचेरे भाई को हिरासत में लिया था। कैलाश ने ही उन्हें बताया कि ललित और महेश दिल्ली गए थे। दिल्ली पुलिस का कहना है- ललित झा खुद ही थाने आया था, जिसेक बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और पूछताछ शुरू कर दी।
कैसे हुआ ललित झा गिरफ्तार
बुधवार को संसद के बाहर ललित झा अपने साथियों के साथ आया था। उसने वहाँ संसद के बाहर नीलम और अमोल की नारे लगाते हुए वीडियो भी बनाई। इसके बाद वह फरार हो गया। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उसे पकड़ने के लिए एनजीओ को संपर्क किया जिससे झा जुड़ा था।
गुरुवार को दिल्ली पुलिस उसे पकड़ने के प्रयासों में थी ही कि तब तक ललित झा ने खुद आकर सरेंडर कर दिया। जिसके बाद देर रात कई घंटे तक 2 डीसीपी और एडिशनल सीपी सहित स्पेशल सेल के कई इंस्पेक्टर्स ने पूछताछ की। उसने पूछताछ में यही बताया कि वो न्यूज के जरिए पुलिस मूवमेंट की जानकारी ले रहा था। उसके मुताबिक वो यहाँ से भागकर राजस्थान के नागौर गया था वहाँ वह दो लोगों से मिला और होटल में रुका।
उसने बताया कि उसने नहीं सोचा था कि वो इतनी बुरी तरह से घिर जाएगा। जब पुलिस गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही थी तो वो घबरा गया और उसने अपने कुछ दोस्तों से पूछा था कि क्या करना चाहिए, जिसके बाद वो राजस्थान से दिल्ली वापस पहुँच गया।
धुएँ की केन छिपाने के लिए बनवाए थे विशेष जूते
इसके अलावा एक जानकारी जो हैरान करने वाली सामने आई है वो ये है कि आरोपितों ने इस घटना के लिए लखनऊ के एक मोची से विशेष जूते बनवाए थे। जिनके तलवे में 2.5 इंच गहरी जगह थी। धुएँ के केन इसी स्पेस में छिपाकर संसद में लाए गए। इनका प्रयास था कि जो 1929 में भगत सिंह ने ब्रिटिश शासन के साथ किया था वो भारत की सरकार के साथ कर दें। हालाँकि सांसदों की तेजी के कारण ये पकड़े गए। इनके पास से पर्चे बरामद हुए जिनपर लिखा था- प्रधानमंत्री लापता है जो उन्हें ढूँढेगा उन्हें स्विस बैंक से पैसा मिलेगा।
संसद में रेकी करके दिया घटना को अंजाम
बता दें कि बुधवार को संसद में हुई घटना को अंजाम देने के लिए ललित झा और उसके साथी काफी समय से प्लानिंग कर रहे थे। उन्होंने संसद भवन की 2 बार रेकी भी की थी। संसद भवन की रेकी सागर और मनोरंजन ने इसी साल के मार्च और जुलाई महीने में की थी। इन्हें पहली बार में ही बड़ी सफलता मिल गई थी और वो संसद में घुसने में कामयाब भी हो गए थे। सभी आरोपित फेसबुक पेज के माध्यम से एक-दूसरे से मिले थे और करीब संसद में घुसने की प्लानिंग कर रहे थे। वो लोग आपस में कई बार मिले थे और आखिरी बार गुरुग्राम में विशाल के फ्लैट में एक साथ रहे भी।