आईआईटी बीएचयू में 2 माह पहले हुए गैंगरेप मामले में यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए तीन आरोपितों का भारतीय जनता पार्टी से कनेक्शन मिलने के बाद पार्टी ने तुरंत उन्हें निष्कासित किया है।
वाराणसी भाजपा जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा ने इस मामले पर सामने आकर कहा कि वो मामले से बिलकुल पल्ला नहीं झाड़ रहे। आरोपित भाजपा से थे अगर, तो उन्हें निष्कासित कर दिया गया है। आगे पार्टी के निर्देशानुसार कार्रवाई होगी।
बता दें कि 1 नवंबर 2023 को हुई इस घटना के बाद पुलिस ने आरोपितों को कल 31 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद इन्हें कोर्ट में पेश किया गया जहाँ से इन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पुलिस को इनके पास से बरामद बुलेट बाइक भी मिली। जानकारी के अनुसार, इनके नाम कुणाल पांडेय, अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल हैं। इस गिरफ्तारी पर यूपी सरकार में स्टांप मंत्री रविंद्र जायसवाल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने विपक्ष द्वारा उठाए सवालों पर संज्ञान लेते हुए साफ कहा कि आरोपित कोई हो। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “आरोपित कहीं का भी हो, कहीं से भी आया हो, बीजेपी की शरण लिया हो, अगर दोषी है तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
3 accused of molesting #IITBHU student expelled by BJP: Party's Varanasi leader https://t.co/BrJuSEM9XW
— IndiaToday (@IndiaToday) December 31, 2023
गौरतलब है कि आईआईटी बीएचयू की एक छात्रा अपने क्लासमेट के साथ 1 नवंबर, 2023 की रात में हॉस्टल से बाहर निकलकर टहल रही थी। इसी दौरान उसके साथ दरिंदगी की बात सामने आई। इस मामले में मजिस्ट्रेट को दिए बयान में तीनों आरोपितों ने बंदूक से पहले डरा धमका कर छात्रा को निर्वस्त्र किया। उसके बाद आरोपितों ने छात्रा का वीडियो बनाया और उसके बाद तीनों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। पीड़िता ने तीनों आरोपितों के हुलिया के बारे में FIR में विस्तार से बताया था।
इस मामले में आईपीसी की धारा 354(ख), 506 और 66 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें बाद में गैंगरेप (IPC 376-D) और इलेक्ट्रॉनिक साधनों के जरिए यौन उत्पीड़न (IPC 509) जैसी धाराएँ बढ़ा दी गई थी। ये दोनों धाराएँ पीड़िता के मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए गए बयान के बाद बढ़ाई गई थी।
तीनों आरोपितों की गिरफ्तारी करने के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया था। इन प्रदर्शनों में 5 हजार से अधिक लोग शामिल हुए थे। प्रदर्शनकारियों में बीएचयू के छात्रों के साथ ही स्थानीय लोग भी शामिल हो गए थे। सबने इन पर कार्रवाई की माँग की थी।