अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह खत्म होने के बाद सोमवार की रात भर श्रद्धालु रामजन्मभूमि पथ के सामने ही डटे रहे। सुबह जैसे ही मंदिर खुला भीड़ एकाएक मंदिर में प्रवेश करने लगी। गर्भगृह में भारी भीड़ के दबाव के कारण कई लोगों की हालत बिगड़ गई। कुछ लोगों की सांसें फूलने लगीं तो कई लोग चोटिल हो गए। ऐसे लोगों को श्रीराम अस्पताल इलाज के लिए लाया जाता रहा। शाम छह बजे तक 102 लोगों को अस्पताल लाया गया। इसमें 8 लोगों को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया जबकि इतने ही लोगों को भर्ती किया गया है। सीएमएस आरके शर्मा के अनुसार ज्यादातर मरीज सांस फूलने, चक्कर आने के साथ ब्लड प्रेशर बढ़ने के कारण पहुंचे हैं।
कई लोगों के सीने और शरीर मे फ्रैक्चर भी हो गया है। विभिन्न प्रकार से ज्यादा लोग बीमार हुए हैं। 8 मरीजों को दर्शन नगर मेडिकल कालेज रेफर किया गया है। इतनी ही संख्या में मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। जिन मरीजों को रेफर किया गया है उनमें माता प्रसाद, विनीत चौहान, प्रिया शुक्ला, विनोद कुमार, पथ पवन, प्रमोद, मुरली कुंज और नवधन पीप पाड़ी शामिल हैं।
सुबह से दोपहर तक कई बार ऐसा मौका आया जब भीड़ बेकाबू हो गई। हालत यह हो गई कि जिले और मंडल के अधिकारी ही नहीं, योगी के आदेश पर लखनऊ से डीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार और एसीएस गृह संजय प्रसाद भी मंदिर पहुंच गए और खुद मोर्चा संभाल लिया। सीएम योगी खुद भी अयोध्या पहुंच गए। पहले हेलीकॉप्टर से ही सीएम योगी ने हवाई निरीक्षण किया। इसके बाद व्यवस्था सुचारू बनाने को लेकर अफसरों के साथ बैठक की।