चीन अपनी इकोनॉमी (Economy) की निगेटिव कवरेज से बुरी तरह से बौखला गया है. इंटरनेट से ऐसी सभी खबरों को हटाने के लिए ड्रैगन ने पूरी ताकत झोंक दी है. चीन अपनी अर्थव्यवस्था के बारे में सभी निगेटिव न्यूज हटाने में जुट गया है. इसकी वजह है कि शी जिनपिंग सरकार अपनी जनता के सामने हकीकत नहीं आने देना चाहती है.
ये कदम ऐसे समय उठाया गया है जब भारत तीन बरसों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की तरफ तेजी से बढ़ रहा है. वित्त मंत्रालय के हालिया अनुमान के मुताबिक 2030 तक भारतीय अर्थव्यवस्था 7 ट्रिलियन डॉलर की हो सकती है. इस समय भारतीय इकॉनमी (Indian Economy) दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही है और इस साल इसकी विकास दर 7.3 फीसदी रह सकती है.
चीन की इकोनॉमी पर भरोसा रखने की सलाह
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF भी कह चुका है कि दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में भारत सबसे ज्यादा गति से बढ़ने वाली इकोनॉमी बना रहेगा. वहीं चीन लगातार अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कड़ा संघर्ष करने में जुटा है. ऐसे में खबर आई है कि चीन की सरकार ने अफसरों को ड्रैगन की इकॉनमी के बारे में इंटरनेट पर मौजूद नकारात्मक खबरों को हटाने के लिए कहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक गृह मंत्रालय ने अपने ऑफिशयल वीचैट अकाउंट में कहा है कि लोगों को चीन की अर्थव्यवस्था को कमजोर बताने वाली खबरों पर यकीन नहीं करना चाहिए. लोगों को सलाह दी गइ है कि वो राष्ट्रपति शी जिनपिंग के फैसलों और सोच पर भरोसा बनाए रखें.
अपनी कमजोरियों को छिपाने में लगा चीन
इस बीच चीन की इकोनॉमी के लिए नेगेटिव रिपोर्ट लिखने वाले वित्तीय जानकार और अर्थशास्त्रियों के सोशल मीडिया और न्यूज आर्टिकल्स को सेंसर करना शुरू कर दिया गया है. चीन के अधिकारियों ने इस साल भी विकास के लिए आशावादी आउटलुक रखा है. जबकि सच्चाई इससे कोसो दूर है. चीनी अर्थव्यवस्था (China Economy) इस समय जिन चुनौतियों का सामना कर रही है, उनकी लंबी लिस्ट में शामिल हैं संकट में फंसा रियल एस्टेट सेक्टर, शेयरों में गिरावट, डिफ्लेशन और युवा बेरोजगारी के साथ ही मंदी की गहराती आशंका.
भारत पर बढ़ा दुनिया का भरोसा
ऐसे में सेंसरशिप का फैसला चीन की बौखलाहट का सबूत है. ये चीन के पॉलिसी मेकर्स की क्षमता पर सवाल खड़े कर रहा है. अपनी जनता को झूठ परसोने की नीति पर चलकर चीन आने वाले समय के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर रहा है. वहीं सीमा पर जारी विवाद के बीच चीन अब भारत से भी हर मोर्चे पर पिछड़ता नजर आ रहा है.
भारत अगले 3 साल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का दम दिखा रहा है. मजबूत घरेलू मांग, युवा आबादी, बढ़ते मध्यम वर्ग, निजी निवेश में इजाफा भारत की ताकतवर इकॉनमी का सबूत हैं. वहीं सरकार की तरफ से इंफ्रास्ट्रक्चर में किए जा रहे भारी निवेश और कृषि क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन से भी भारत की ताकत बढ़ रही है. यही वजह है कि IMF, वर्ल्ड बैंक, ADB जैसी दुनिया की तमाम दिग्गज वित्तीय संस्थाओं का अनुमान है कि भारत 2027-28 या 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.