PM मोदी के आगे झुका चीन, विवाद भूलकर मिलाया हाथ और करने जा रहे साथ में ये काम

बीजिंग। भारत और चीन आतंकवाद से लड़ने की अपनी क्षमताओं में सुधार लाने और आपसी समझ को बढ़ावा देने के लिए, करीब एक साल के अंतराल के बाद मंगलवार को दक्षिण पश्चिम चीनी शहर चेंगदू में संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू करेंगे. अधिकारियों ने बताया कि अभ्यास का उद्घाटन समारोह 11 दिसम्बर को आयोजित किया जाएगा. चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल रेन गुओकियांग ने पिछले महीने कहा था, कि सातवें भारत-चीन साझा सैन्य अभ्यास ‘हैंड इन हैंड’ में दोनों तरफ से 100-100 सैनिक हिस्सा लेंगे. अभ्यास आतंकवाद विरोधी अभियानों पर केन्द्रित होगा. वर्ष 2017 में दोनों देशों के बीच सिक्किम के डोकलाम क्षेत्र में करीब 73 दिन तक गतिरोध चलने के कारण यह अभ्यास करीब एक साल बाद हो रहा है.

चीन के वूहान में इस साल अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अनौपचारिक शिखर वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच संबंध पुन: पटरी पर लौटे.कर्नल रेन ने कहा, ‘‘अभ्यास से दोनों सेनाओं के बीच आपसी समझ को बढ़ावा मिलेगा और आतंकवाद से लड़ने की उनकी क्षमताओं में सुधार आएगा.’’ उन्होंने बताया कि यह अभ्यास 23 दिसम्बर तक चलेगा.

पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी से की मुलाकात, द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने पर हुई चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां जी – 20 शिखर सम्मेलन से इतर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की और दोनों पड़ोसी देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.पीएम मोदी और शी अप्रैल में चीनी शहर वुहान में हुई अपनी अनौपचारिक बैठक के बाद दो बार मिल चुके हैं. वे दोनों जून में चीन के चिंगदाओ में हुए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन में मिले थे और फिर जुलाई में दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में उनकी मुलाकात हुई थी.

‘इस तरह की पहल गति को बनाए रखने में मददगार’ 
पीएम मोदी ने शी से कहा कि वह अगले साल एक अनौपचारिक बैठक में उनकी मेजबानी करने की आशा करते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा,‘आज की बैठक हमारे संबंधों को मजबूत करने के संदर्भ में एक दिशा प्रदान करने में अहम होगी.’ उन्होंने कहा, ‘इस तरह की पहल गति को बनाए रखने में मददगार है.’ पीएम मोदी ने कहा,‘इस मुलाकात के लिए वक्त निकालने को लेकर मैं आपको (राष्ट्रपति शी को) अपनी हार्दिक बधाई देता हूं.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों ने पिछले एक साल में लंबे डग भरे हैं.

गौरतलब है कि सिक्किम के डोकलाम सेक्टर में 2017 में दोनों देशों की सेनाओं के बीच 73 दिनों तक चले गतिरोध के बाद भारत और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. दोनों देशों के बीच संबंधों में जमी बर्फ पिघलने के परिणामस्वरूप वुहान में पीएम मोदी और शी की एक अनौपचारिक बैठक हुई थी, जहां दोनों नेताओं ने विश्वास और तालमेल बनाने के लिए संचार मजबूत करने की खातिर अपनी – अपनी सेनाओं को रणनीतिक दिशानिर्देश जारी करने का फैसला किया था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *