यूपी में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने राज्यसभा के चुनाव में अखिलेश यादव को बड़ी मात दी है। सपा विधायकों की क्रास वोटिंग से भाजपा के सभी आठ प्रत्याशी जीत गए हैं। समाजवादी पार्टी के तीसरे प्रत्याशी आलोक रंजन हार गए हैं। सपा के सात विधायकों ने क्रास वोटिंग करते हुए भाजपा के संजय सेठ को वोट दिया है। सपा के पक्ष में भी एनडीए के दो विधायकों के क्रास वोटिंग की है। बसपा के एक मात्र विधायक ने भाजपा को वोट दिया। मतदान के तुरंत बाद मतगणना शुरू हुई लेकिन बीच में रोकनी भी पड़ी। सपा ने भाजपा के एक विधायक का वोट किसी और से डलवाने का आरोप लगाते हुए आपत्ति की। सुभासपा ने भी अपने विधायक का वोट रद कराने की मांग की। कहा कि बिना दिखाए ही वोट डाला है। दोनों मामलों को निबटाने के बाद दोबारा गिनती शुरू हुई और भाजपा के आठ और सपा के दो प्रत्याशियों को विजयी घोषित कर दिया गया।
संजय सेठ जीते, आलोक रंजन हारे
भाजपा के आठवें प्रत्याशी संजय सेठ की जीत ने पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन का राज्यसभा जाने का सपना धराशायी कर दिया है। सपा विधायकों की क्रास वोटिंग के कारण आलोक रंजन हार गए हैं। भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह, पूर्व सांसद चौधरी तेजवीर सिंह, पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के महासचिव अमरपाल मौर्य, पूर्व राज्य मंत्री संगीता बलवंत, पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व विधायक साधना सिंह, आगरा के पूर्व महापौर नवीन जैन के साथ ही आठवें प्रत्याशी के रूप में संजय सेठ को मैदान में उतारा था। सपा ने अभिनेत्री सांसद जया बच्चन, दलित नेता रामजी लाल सुमन और पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन को प्रत्याशी बनाया था।
यूपी में 403 सदस्यीय विधानसभा में मौजूदा समय में 399 सदस्य हैं। इनमें 395 सदस्यों ने अपने मत का प्रयोग किया है। मतदान से पहले अखिलेश यादव को भरोसा था कि सपा के 106 और कांग्रेस के 2 विधायकों को मिलाकर 108 वोट मिलेंगे। लेकिन सपा के तीनों प्रत्याशियों को 100 वोट ही मिल सके। इसमें सपा के 97 विधायकों ने ही सपा प्रत्याशियों को वोट दिया। कांग्रेस के दो और एनडीए में शामिल ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा के एक विधायक ने सपा को वोट दिया है। भाजपा को अपने 252 विधायकों के साथ ही सहयोगी पार्टी अपना दल (सोनेलाल) के 13, निषाद पार्टी के छह, रालोद के नौ, सुभासपा के चार, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो और बसपा का एक वोट मिला है।