लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें चरण के मतदान के साथ 1 जून को सम्पन्न होने के बाद अब मीडिया संस्थानों ने एक्जिट पोल देना शुरू कर दिया है। ज्यादातर एग्जिट पोल्स में एक बार फिर भाजपा के नेतृत्व में की सरकार बनती नजर आ रही है। वहीं पूरा विपक्ष इकट्ठा होने के बाद भी हारता दिख रहा है।
अलग-अलग एग्जिट पोल्स के अनुमान अलग हैं लेकिन सबमें कॉमन बात एनडीए की जीत है। जैसे-
- -इंडिया न्यूज के डी डायनामिक्स में एनडीए को 371 सीटें मिलती दिखाई गई हैं, INDI ब्लॉक को 125 और अन्य को 47।
- – इसी तरह जन की बात के एग्जिट पोल ने एनडीए को 362-392 सीटें मिलती हुई दिखाई हैं, INDI ब्लॉक को 141-161 सीट मिली है और अन्य को 10-20।
- -रिपब्लिक भारत के मैटरिज ने एनडीए को 353-368, INDI ब्लॉक के 118-133 और अन्य को 43-48।
- -रिपब्लिक टीवी-पी के MARQ ने एनडीए को 359 सीट दी है, INDI गठबंध को 154 और अन्य को 30।
LOKSABHA POLLS 2024:
India News-D-Dynamics: NDA-371; INDIA bloc: 125; Others-47.
Jan Ki Baat NDA 362-392; INDIA bloc: 141-161; Others-10-20.
Republic Bharat-Matrize: NDA-353-368; INDIA bloc-118-133; Others-43-48.
Republic TV-P MARQ: NDA-359; INDIA bloc-154; Others-30.… pic.twitter.com/Dz1ut5wDQl
— NEWSDAILY MEDIA GROUP (@NEWSDAILY123) June 1, 2024
एग्जिट पोल मतदान केंद्रों से बाहर निकलने के तुरंत बाद मतदाताओं के सर्वेक्षण पर आधारित होता है। आमतौर पर, समाचार पत्रों और TV चैनलों के लिए काम करने वाली निजी सर्वेक्षण फर्म या संस्थाएँ मतदाताओं से पूछती हैं कि उन्होंने वास्तव में किसे वोट दिया और यह मानते हुए कि उन्हें सही उत्तर मिले हैं, वे परिणाम के रुझान की भविष्यवाणी करते हैं।
This was what the 2019 Lok Sabha exit polls looked like.
The actual result was BJP-303, INC-52, NDA-351, UPA – – 91 pic.twitter.com/KRhTRklpMp
— Rishi Bagree (@rishibagree) June 1, 2024
एग्जिट पोल पर आधारित चुनावी भविष्यवाणियों ने पिछले एक दशक में टेलीविजन की पहुँच को भारत में डिजिटल समाचार पोर्टलों के बढ़ने के साथ काफी बढ़ा दिया है। यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ऐसे एग्जिट पोल अक्सर फेल होते हैं, जिसकी बड़ी वजह है सैंपल साइज का छोटा होना और दूसरा जिनसे पूछा गया – उन्होंने कितना सही जवाब दिया।
बता दें कि पिछले साल एग्जिट पोलों में भाजपा के नेतृत्व में जीत दिखाई गई थी। उस समय भाजपा ने अकेले 300 का आँकड़ा पार करते हुए 303 सीटें पर कब्जा कर लिया था जबकि एनडीए की सीटें 352 थी। वहीं कॉन्ग्रेस के कुल 52 सीट मिली थी।