नई दिल्ली/भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh elections 2018) के नतीजों के बाद किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने के बाद दोनों ही प्रमुख दलों ने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है. राज्यपाल ने 12 बजे कांग्रेस को मिलने का समय भी दे दिया है. उधर राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी बीजेपी के सरकार बनाने के सभी कयासों पर विराम लगाते हुए नतीजों पर पहला बयान दिया.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘मैं संख्या बल के सामने शीश झुकाता हूं, हम मध्य प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेंगे. मैं राज्यपाल महोदय को इस्तीफा देने जा रहा हूं.’ राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने प्रेस से बात करते हुए कहा, ‘ अब मैं मुक्त हूं, राज्य में हार की जिम्मेदारी, मेरी, मेरी और सिर्फ मेरी…वोट बढ़ने के बावजूद हम संख्या बल में पीछे रह गए. मैं संख्या बल के सामने सिर झुकाता हूं. मैं कमलनाथ जी को बधाई देता हूं.’
बता दें कि इससे पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि हम बुधवार को राज्यपाल महोदय से मुलाकात करेंगे. राकेश सिंह ने कहा है कि राज्य में कांग्रेस को जनादेश नहीं मिला है. राकेश सिंह ने दावा किया है कि राज्य के कई निर्दलीय विधायक उनके संपर्क में है.
गौरतलब है कि कि मंगलवार को राज्य की 230 सीटों में केवल 229 सीटों के ही नतीजे घोषित किए गए थे. महगांव सीट पर वोटों की गिनती बुधवार सुबह तक जारी थी. नतीजों में यह सीट भी कांग्रेस ने जीत ली. मध्य प्रदेश के नतीजों से ये साफ हो गया है कि राज्य में किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत नहीं मिला है. बीएसपी सुप्रीम मायावती भी बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट करते हुए कांग्रेस को समर्थन करने का ऐलान किया.
वहीं 114 सीटें जीतने वाली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर अपनी सरकार बनाने का दावा पेश किया था. कांग्रेस ने मंगलवार देर रात राज्यपाल से मिलने का वक्त भी मांगा था. कमलनाथ ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के सबसे बड़ी पार्टी होने निर्दलीय विधायकों के समर्थन की बात करते हुए प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश किया था.
अपने पत्र में कमलनाथ ने लिखा है, ‘‘कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरकर आ रही है.
इसके अलावा कांग्रेस को सभी निर्दलियों का भी समर्थन हासिल है.’’ इसके साथ ही कमलनाथ ने परिणामों की अधिकृत घोषणा के साथ ही वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ राज्यपाल से मिलने का वक्त मांगते हुए प्रदेश में सरकार बनाने की अनुमति चाही है.