INDvsAUS: सचिन का शतक, इशांत का कहर और कोहली का संघर्ष… पर्थ की 5 यादें

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच शुक्रवार (14 दिसंबर) से चार मैचों की सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच खेला जाएगा. यह मैच पर्थ में खेला जाएगा. भारत ने अब तक पर्थ के वाका स्टेडियम में चार टेस्ट खेले हैं. इनमें से उसे एक में जीत मिली है, जबकि तीन में उसे हार का सामना करना पड़ा है. भारत का इस शहर में भले ही खराब रिकॉर्ड हो, लेकिन उसकी यादें उम्मीद जगाती हैं. वाका ही वो स्टेडियम है, जहां 19 साल के सचिन ने 114 रन की बेमिसाल पारी खेली थी. सचिन भी इस पारी को अपनी यादगार पारियों में शामिल करते हैं. हालांकि, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच शुक्रवार को वाका नहीं, ऑप्टस स्टेडियम में मैच होगा. ऑप्टस, ऑस्ट्रेलिया का 10वां टेस्ट वैन्यू है. यहां पहली बार टेस्ट मैच खेला जाएगा. पर्थ में खेले गए टेस्ट मैचों की 5 यादें…

सचिन तेंदुलकर के 114 रन 
भारत ने 1991-92 में ऑस्ट्रेलिया का तीन महीने का दौरा किया. इस दौरान पांच टेस्ट मैचों की सीरीज, ट्राएंगल वनडे सीरीज और वर्ल्ड कप खेला गया. टेस्ट सीरीज के पांचवें मैच में सचिन तेंदुलकर ने 114 रन बनाए, जो उनके करियर की सबसे बेहतरीन पारियों में गिनी जाती है. पर्थ की इस खतरनाक पिच पर सचिन के अलावा सिर्फ तीन बल्लेबाज किरन मोरे (43), क्रिस श्रीकांत (34) और संजय मांजरेकर (31) ही दोहरी रनसंख्या में पहुंच सके थे. ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी की कमान क्रेग मैक्डरमट, मर्व ह्यूज, पॉल रिफिल, माइक व्हिटनी और टॉम मूडी ने संभाली. सचिन जब बैटिंग करने आए तो टीम का स्कोर 2 विकेट पर 169 रन था. जब वे आउट होकर लौटे तो टीम 240 रन तक पहुंच चुकी थी. हालांकि, सचिन की यह पारी टीम की हार नहीं टाल सकी. ऑस्ट्रिलिया ने यह मैच 300 रन से जीता.

द्रविड़ के 93 रन और 139 रन की साझेदारी 
भारतीय टीम पर्थ के वाका स्टेडियम में सिर्फ एक टेस्ट मैच जीत सकी है. अनिल कुंबले की कप्तानी में 2008 में खेले गए इस मैच में भारत के टॉप स्कोरर ‘द वॉल’ यानी राहुल द्रविड़ थे. उन्होंने पहले बैटिंग करने उतरी टीम इंडिया के लिए 93 रन की मैराथन पारी खेली. हालांकि, द्रविड़ मैच में शतक नहीं लगा सके, लेकिन सचिन तेंदुलकर () के साथ उनकी 139 रन की साझेदारी टर्निंग प्वाइंट साबित हुई. भारत ने इसकी बदौलत पहली पारी में 330 रन का स्कोर बनाया. तेज गेंदबाजी के लिए मददगार पिच पर ऑस्ट्रेलिया 212 रन ही बना सका. नतीजा भारत ने यह मैच 72 रन से जीता.

इशांत का कहर और पठान का ऑलराउंड खेल
2008 में ही खेले गए टेस्ट का जिक्र तब तक पूरा नहीं हो सकता, जब तक कि इशांत शर्मा की गेंदबाजी और इरफान पठान के ऑलराउंड खेल का जिक्र ना हो. इशांत शर्मा ने मैच के चौथे दिन लगातार नौ ओवर बॉलिंग की और रिकी पोंटिंग का महत्वपूर्ण विकेट लिया. सचिन तेंदुलकर ने इशांत की इस गेंदबाजी के बारे में कहा है, ‘उस सुबह इशांत शर्मा ने तेज गेंदबाजी का जो स्पेल डाला, वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मेरे तमाम वर्षों में देखे गए किसी भारतीय गेंदबाज के सबसे अच्छे स्पेल में से एक था.’ इसी मैच में इरफान पठान ने पहली पारी में दो और दूसरी पारी में तीन विकेट झटके. इसके अलावा उन्होंने पहली पारी में 28 और दूसरी पारी में 46 रन बनाए. वे इस मैच में प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए थे.

गावस्कर और अमरनाथ के शतक 
1970 के दशक में क्रिकेट देख चुके खेलप्रेमी 1977 का वो मैच भी नहीं भूल सकते, जब सुनील गावस्कर और मोहिंदर अमरनाथ ने दूसरी पारी में शतक लगाए थे. भारत ने इस मैच में पहली पारी में 402 और दूसरी पारी में 330/9 (पारी घोषित) रन बनाए. सुनील गावस्कर (4, 127) और मोहिंदर अमरनाथ (90, 100) दूसरी पारी में शतकीय पारियां खेलीं और 193 रन की साझेदारी की. इनकी साझेदारी की बदौलत भारत यह मैच जीतने के करीब पहुंच गया था. हालांकि, ऑस्ट्रेलिया ने 8 विकेट पर 342 रन बनाकर मैच जीत लिया. लेकिन, भारतीय बल्लेबाजों का यह प्रदर्शन क्रिकेटप्रेमी आज भी नहीं भूले हैं.

दोनों पारियों में अकेले लड़े विराट कोहली 
भारत ने वाका स्टेडियम में आखिरी टेस्ट 2012 में खेला. सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, महेंद्र सिंह धोनी की मौजूदगी के बावजूद भारतीय टीम इस मैच की पहली पारी में महज 161 और दूसरी पारी में 171 रन पर सिमट गई. विराट कोहली दोनों ही पारियों में टीम इंडिया के टॉप स्कोरर रहे. उन्होंने पहली पारी में 44 और दूसरी पारी में 75 रन बनाए. हालांकि, यह मैच महज तीन दिन में खत्म हो गया, लेकिन विराट कोहली का संघर्ष ने बता दिया कि वे भारत के सर्वश्रेष्ठ महान बल्लेबाजों की लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराने को तैयार हैं. ऑस्ट्रेलिया ने यह मैच पारी और 37 रन से जीता था.

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