INDvsAUS: माइक हसी बोले, क्यों मुश्किल है अश्विन के बिना भारत का पर्थ में जीतना

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज के दूसरे टेस्ट में दोनों टीमों की हार जीत के बारे में कयास लगने शुरू हो चुके हैं. विश्लेषकों की राय के बीच ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज माइकल हसी ने यह बताया है कि टीम इंडिया  के लिए इस टेस्ट में जीत आसान क्यों नहीं है. हसी को लगता है कि स्टार आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की चोट भारतीय टीम को अस्थिर कर सकती है और इससे सीरीज के दूसरे टेस्ट में जीत दर्ज करने की उनकी उम्मीदों को बड़ा झटका लगेगा.

अश्विन ने एडीलेड में खेले गए पहले टेस्ट मैच छह विकेट लिए थे. जब पर्थ टेस्ट के लिए गुरुवार को 13 सदस्यीय टीम इंडिया का ऐलान किया था, उसमें अश्विन का नाम नहीं था. बीसीसीआई ने इसके बाद सफाई दी थी कि अश्विन चोटिल हैं इसीलिए वे पर्थ टीम का हिस्सा नहीं हैं. अश्विन पेट के बायें हिस्से की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण वह दूसरे टेस्ट से बाहर हो गए. उन्होंने पिछले टेस्ट में 86.5 ओवर में 149 रन पर छह विकेट लेकर भारत को 31 रन से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी.

यह बताई वजह हसी ने
ऑस्ट्रेलिया के लिए 79 टेस्ट खेलने वाले हसी ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है इससे निश्चित तौर पर भारतीय टीम का संतुलन बिगड़ेगा. एडीलेड को देखकर आप साफ तौर पर कह सकते हैं कि वे स्पिनर का इस्तेमाल करना चाहते हैं. एक छोर से स्पिनर और दूसरी छोर से तेज गेंदबाजों का बारी-बारी से इस्तेमाल की रहे थे.’’

पर्थ में यह हाल रहा टीम इंडिया का
अश्विन की गैरमौजूदगी में भारतीय टीम दूसरे टेस्ट में चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरी है जो उसके टेस्ट इतिहास में सिर्फ तीसरी बार हो रहा है. ऑस्ट्रेलिया ने पर्थ टेस्ट की पहली पारी में 326 रन बनाए. ऑस्ट्रेलिया ने दिन की शुरुआत छह विकेट के नुकसान पर 277 रनों के साथ की. टिम पेन (38) और पैट कमिंस (19) ने संयम से बल्लेबाजी की. हालांकि वह ज्यादा देर टिक नहीं पाए और पवेलियन लौट लिए. इन दोनों ने सातवें विकेट के लिए 59 रनों की साझेदारी कर ऑस्ट्रेलिया को 300 से पहले सिमटने से बचाया. भारत के लिए ईशांत शर्मा ने चार विकेट लिए. जसप्रीत बुमराह, उमेश यादव और हनुमा विहारी को दो-दो सफलताएं मिलीं.

पिच की भी भूमिका रही पहले दिन
कहा जा रहा है कि टीम इंडिया के पर्थ में ऑस्ट्रेलिया को जल्दी समेट ने पाने में पिच की भी भूमिका रही थी. पहले सत्र में पिच पर घास तो थी, लेकिन पिच से गेंदबाजों को वह उछाल नहीं मिला जिसकी उम्मीद थी. वहीं दूसरे सत्र से गेंदबाजों को पिच से मदद मिली तो आखिरी दो सत्रों में भारतीय गेंदबाज छह विकेट ही निकाल सके और ऑस्ट्रेलियाई टीम तब तक 277 रन बना गई. वहीं दूसरे दिन पिच पर खेल शुरू होने से पहले ही दरार दिखने लगी थी. टीम इंडिया इस वजह से ऑस्ट्रेलिया को 326 पर रोक पाई जबकि ऑस्ट्रेलिया ने भी भारत के  दो विकेट जल्दी ही गिरा दिए.

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