भारतीय कप्तान विराट कोहली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ (India vs Australia)रविवार (16 दिसंबर) को बेहतरीन पारी खेल रहे थे. वे शतक बना चुके थे और अब टीम इंडिया को दूसरे टेस्ट (Perth test) में मजबूती की ओर ले जा रहे थे, लेकिन तभी वे अंपायर की जल्दबाजी का शिकार हो गए. विराट कोहली जब 123 के स्कोर पर थे, तब पैट कमिंस की गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर दूसरी स्लिप पर पहुंची. पीटर हैंड्सकॉम्ब ने इसे पकड़ने के बाद कैच का दावा किया, जिसे अंपायर ने सही मानकर उंगली ऊपर उठा दी. अंपायर की यही जल्दबाजी कोहली पर भारी पड़ी और उन्हें पैवेलियन लौटना पड़ा.
तो क्या विराट कोहली आउट नहीं थे
भारतीय कप्तान विराट कोहली आउट होकर पैवेलियन लौट चुके हैं. इसलिए इस सवाल का अब ज्यादा मतलब नहीं रह गया है. लेकिन यह सच है कि अगर अंपायर ने जल्दबाजी में उंगली उठाने की बजाय तीसरे अंपायर से मदद ली होती तो कोहली नॉटआउट करार दिए जाते. टीवी रिप्ले में साफ दिखा कि गेंद पीटर हैंड्सकॉम्ब के हाथों में समाने के पहले जमीन को छू चुकी थी.
तीसरे अंपायर ने कोहली को नॉटआउट क्यों नहीं दिया
क्रिकेट के सभी नियम स्पष्ट हैं. बल्लेबाज के आउट होने के तरीके से लेकर अंपायरों की भूमिका तक सभी स्पष्ट हैं. ऐसे ही एक नियम में कहा गया है कि विवादित कैच होने की स्थिति में तीसरे अंपायर से मदद लेने से पहले मैदानी अंपायर को अपना निर्णय देना होगा. यानी, वह निर्णय रेफर करने से पहले यह बताएगा कि खिलाड़ी आउट है या नहीं. तीसरा अंपायर उस निर्णय को तभी पलटेगा, जब उसके पास ऐसा करने के लिए 100% सबूत हो. विराट कोहली के मामले में मैदानी अंपायर ने उन्हें आउट दे दिया था. विवादित स्थिति होने के कारण ही तीसरे अंपायर ने फैसला नहीं बदला.
Doesn’t get much closer than that! Kohli has to go… #CloseMatters #AUSvIND | @GilletteAUpic.twitter.com/v6luCLWez1
— cricket.com.au (@cricketcomau) December 16, 2018
तो तीसरा अंपायर भी कोहली को नॉटआउट देता
पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क इस बात पर सहमत थे कि अगर मैदानी अंपायर ने कोहली को आउट नहीं दिया होता, तो तीसरा अंपायर भी उन्हें नॉटआउट ही करार देता. सुनील गावस्कर ने तो यह भी कहा कि तीसरे अंपायर के पास इस बात के पूरे सबूत थे कि गेंद हैंड्सकॉम्ब की हाथों में जाने से पहले जमीन को छू चुकी थी, पर शायद तीसरे अंपायर को नहीं लगा कि उनके पास निर्णय पलटने के लिए पर्याप्त सबूत थे. इस तरह विराट कोहली का होना एक तरह से ‘अनलकी’ कहा जाएगा.