कोलकाता। डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल को अगले प्रधानमंत्री के रूप में पेश किया. चेन्नई में सोनिया-राहुल के सामने स्टालिन ने कांग्रेस अध्यक्ष की राजनीतिक परिपक्वता की तारीफ की और कहा कि उनमें पीएम मोदी को हराने का माद्दा है. चेन्नई में राहुल की तारीफ हुई, उन्हें पीएम का कैंडिडेट घोषित किया गया तो कोलकाता में सीएम ममता बनर्जी की भौहें तन गईं. टीएमसी सूत्रों के मुताबिक पार्टी स्टालिन के इस रुख से सहमत नहीं है.
टीएमसी के एक नेता ने कहा कि पूरे विपक्ष का मानना है कि पीएम पद के लिए किसी भी नाम का आगे बढ़ाना स्वागतयोग्य नहीं है. टीएमसी के एक नेता ने कहा, “हमने पहले भी कहा है कि प्रधानमंत्री का नाम चुनाव नतीजों के बाद ही तय किया जाएगा. इस कदम का असर बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट होने में पड़ सकता है.” टीएमसी ने कहा कि कांग्रेस भी अभी किसी नेता का नाम आगे नहीं बढ़ा रही है तो फिर दूसरी पार्टियां ऐसे कदम क्यों उठा रही है.
कई और दल भी असहमत
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक भी विपक्षी दलों के कई नेता 2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन की ओर से किसी का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए पेश किए जाने के खिलाफ हैं. विपक्षी खेमे के सूत्रों ने यह जानकारी दी. विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, “विपक्ष के कई नेता प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के रूप में किसी का नाम घोषित किये जाने के खिलाफ हैं. सपा, तेदेपा, बसपा, तृणमूल और राकांपा स्टालिन की घोषणा से सहमत नहीं है. यह जल्दीबाजी है. लोकसभा परिणामों के बाद ही प्रधानमंत्रीका निर्णय होगा.”
कमलनाथ के शपथ ग्रहण से ममता ने बनाई दूरी
इधर ममता बनर्जी कमलनाथ के शपथग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं होंगी. यह जानकारी रविवार को आधिकारिक सूत्रों ने दी. मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि बनर्जी के सोमवार को शपथ ग्रहण समारोह के लिए भोपाल नहीं जाने का कोई कारण नहीं बताया गया है. हालांकि इस कार्यक्रम में तृणमूल कांग्रेस सांसद दिनेश त्रिवेदी पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे. कांग्रेस का इरादा शपथ ग्रहण के इस कार्यक्रम को विपक्षी एकता की तस्वीर के तौर पर पेश करने का है. त्रिवेदी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “मुझे पार्टी प्रमुख (बनर्जी) ने सोमवार को शपथ ग्रहण कार्यक्रम में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है.”