नई दिल्ली। बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर पक्ष और विपक्ष दोनों में खींचतान जारी है. एक और एनडीए में सीट शेयरिंग पर फैसला नहीं होने पर विवाद बढ़ता जा रहा है तो वहीं, महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला किसी के पल्ले नहीं पर रहा है. ऐसे में जहां कांग्रेसअलग ताल ठोक रही है, वहीं अन्य दल भी अपने-अपने दावे कर रहे हैं. इस बीच अब कांग्रेस की ओर से बिहार की सीटों पर चुनाव के लिए बड़ा बयान आया है, जिसमें कहा गया है कि कांग्रेस बिहार में सभी 40 सीटों पर लड़ेगी.
बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा है कि पार्टी प्रदेश की सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. जहां हम चुनाव नहीं लड़ेंगे वहां सहयोगी दल आरजेडीऔर अन्य पार्टियों को उतारा जाएगा. शक्ति सिंह गोहिल के इस बयान के दो मायने निकल के सामने आ रहे हैं.
एक तो कांग्रेस इस बयान के साथ खुद को बिहार में महागठबंधन का बड़ा भाई बताने की कोशिश कर रही है. वहीं, दूसरे मायने यह है कि कांग्रेस अपने यूपीए को फिर से जिंदा करना चाहती है जिसने काफी समय से महागठबंधन का रूप ले लिया है. चुकि अब तक महागठबंधन का नेता साफ नहीं हो पाया है इसलिए अब कांग्रेस यूपीए की सरकार बनाने की कवायद में जुट गई है.
दरअसल तीन राज्यों में कांग्रेस की बड़ी जीत के बाद अब पार्टी का रुख बदल गया है. पार्टी अब फिर से यूपीए को पटरी पर लाना चाहती है जिसका प्रमुख दल कांग्रेस है. बीजेपी की सरकार आने के बाद कांग्रेस को मिली लगातार हार से यूपीए कहीं दिख नहीं रहा, क्योंकि सभी दल मिलकर इसे महागठबंधन का नाम दे रहे हैं. हालांकि कांग्रेस भी इसके लिए तैयार थी लेकिन अब तीन राज्यों में बड़ी जीत के बाद हवा का रुख बदल रहा है.
क्या प्रभारियों को सौंपा गया है काम?
कांग्रेस की बड़ी जीत के बाद से सभी प्रदेश में भी पार्टी के नेताओं का सुर बदल गया है. अब प्रदेश के नेता भी कांग्रेस को बड़ा भाई मान रहे हैं. वहीं, सीट बंटवारे पर भी अधिक से अधिक सीटों का दावा किया जा रहा है. वहीं, शायद आलाकमान के द्वारा प्रभारियों को भी यह काम सौंपा गया है कि महागठबंधन बनाने के बजाए यूपीए में सभी दलों को शामिल किया जाए.
बड़ा सवाल महागठबंधन का नेता कौन?
महागठबंधन के नेता को लेकर बिहार समेत पूरे देश में बड़ा सवाल बना हुआ है. आखिर महागठबंधन तैयार होता है तो इसका नेता कौन होगा. महागठबंधन में राहुल गांधी को पीएम के तौर पर अब तक किसी बड़े नेता ने स्वीकार नहीं किया है. लेकिन अगर यूपीए की बात करें तो यह साफ है कि इसके नेता राहुल गांधी ही होंगे.
अब अगर शक्ति सिंह गोहिल के बयान की बात करें तो उन्होंने कहा है कि कांग्रेस 40 सीटों पर बिहार में चुनाव लड़ेगी. हालांकि उन्होंने गुरुवार को उपेंद्र कुशवाहा के यूपीए में शामिल करते वक्त कहा था कि सभी दल आपस में आराम से सीटों का बंटवारा करेंगे. लेकिन अब उनके इस बयान के कई मायने निकल कर आ रहे हैं.
आपको यह भी बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा ने भी गुरुवार को कहा था कि उनकी पार्टी अब यूपीए का हिस्सा है. उन्होंने महागठबंधन की कवायद को लेकर कुछ भी नहीं कहा और उनकी पार्टी को यूपीए का हिस्सा बनाने के लिए राहुल गांधी का धन्यवाद किया था.