INDvs AUS: गांगुली ने दिया मंत्र, अब भी टीम इंडिया कैसे जीत सकती है टेस्ट सीरीज

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही चार टेस्ट मैचों की सीरीज से पहले टीम इंडिया का पलड़ा भारी बताया जा रहा था. एडिलेड टेस्ट में टीम इंडिया की एतिहासिक जीत के बाद भी इस तरह की बातों को बल मिला था, लेकिन पर्थ में हुए दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया की बड़ी हार ने सारे समीकरण बदल दिए. दो मैचों के बाद सीरीज तो 1-1 से बराबर है ही, अब दोनों टीमों को भी टक्कर का माना जा रहा है. ऐसे में भारत के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली का को अब भी लगता है कि भारत सीरीज जीत सकता है.

गांगुली का मानना है कि पर्थ में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में हार के बावजूद भारतीय टीम आस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज जीतने का दम रखती है. गांगुली ने यहां शुक्रवार को एक स्कूल में प्रचार कार्यक्रम के इतर कहा, ‘‘भारत अब भी जीत सकता है, यह इस पर निर्भर करेगा कि वे कैसा खेलते हैं. मैदान पर उतरने वाले सभी 11 खिलाड़ियों को जिम्मेदारी लेनी होगी. हर किसी को अच्छा खेलना होगा.’’

मध्यक्रम के बल्लेबाजों के खेलने पर दिया जोर
गांगुली ने मध्यक्रम के बल्लेबाजों को रन बनाने की सलाह दी. पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में भारत का मध्यक्रम बुरी तरह से फेल हुआ था. सीरीज में कप्तान विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा को छोड़कर कोई अन्य भारतीय बल्लेबाज प्रभावित करने में नाकाम रहा है. गांगुली ने मध्यक्रम के बल्लेबाजों को और अधिक जिम्मेदारी के साथ खेलने की सलाह दी.

पर्थ में मिली थी टीम इंडिया को करारी हार
एडीलेड में खेला गया पहला मैच भारत ने केवल 31 रनों से जीता था जबकि दूसरे टेस्ट में उसे 146 रन से शिकस्त मिली. तीसरा मैच 26 दिसंबर से मेलबर्न में खेला जाएगा. पर्थ टेस्ट में इस मैच में टीम इंडिया 287 रनों का पीछा करते हुए केवल 140 रनों पर ढेर हो गई थी और उसे 141 रनों से हार का सामना करना पड़ा था. इस मैच में टीम इंडिया की बल्लेबाजी की कलई पूरी तरह से खुल गई थी. टीम इंडिया का कोई भी बल्लेबाज 30 रन से ज्यादा नहीं बना पाया था. वहीं चार बल्लेबाज शून्य पर आउट हुए. इसके अलावा पहली पारी में भी विराट के शतक अलावा रहाणे ने 51 और पंत ने 36 रन बनाए थे. यहां भी बाकी बल्लेबाज बुरी तरह से फेल रहे.

पर्थ की पिच पढ़ने में भी नाकाम रहे थे विराट
पर्थ में विराट को बिना स्पिनर के साथ उतरना महंगा पड़ा था. ऑप्टस की पिच पर घास देखते हुए विराट कोहली ने चार तेज गेंदबाजों का खिलाया था जबकि टीम में एक भी नियमित स्पिनर को शामिल नहीं किया था. विराट का यह दाव उल्टा पड़ गया था जबकि ऑस्ट्रेलिया टीम के स्पिनर नाथन लायन ने 8 विकेट लेकर मेजबान टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी.

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