भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही टेस्ट सीरीज में पिच को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं. पर्थ में हुए सीरीज के दूसरे टेस्ट में आईसीसी ने पिच की असमान उछाल को देखते हुए उसे औसत रेटिंग दी थी, जिस पर काफी बयानबाजी हुई थी. इसी के मद्देनजर अब मेलबर्न पिच पर भी चिंताएं और बयान सामने आने लगे हैं. मेलबर्न की पिच को पिछले साल एशेज में आईसीसी की रिपोर्ट में खराब बताया गया था. इस पिच के वर्तमान क्यूरेटर का कहना है कि पिच में सभी के लिए कुछ होगा. वहीं ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज मार्कस हैरिस ने कहा है कि पिच को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है.
हैरिस ने रविवार को कहा कि एमसीजी पिच पर घास देखकर घबराने की जरूरत नहीं है कि क्योंकि यहां संयम दिखाने वाले बल्लेबाज रन बनाते है. ऑस्ट्रेलिया ने पर्थ की असमान उछाल वाली पिच पर अच्छी बल्लेबाजी की थी और टीम मैच को 146 रनों से जीतने में कामयाब हुई थी. इस मैच में ऑस्ट्रेलिया के स्पिनर नाथन लॉयन ने 8 विकेट लिए थे. वहीं टीम इंडिया इस मैच में नियमित स्पिनर के बजाय चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरी थी.
यह उदाहरण दिया हैरिस ने
हैरिस ने विक्टोरिया और न्यू साउथ वेल्स के बीच इसी पिच पर खेले गये शैफील्ड शील्ड मैच का उदाहरण देते हुए कहा कि मैच से पहले उन्हें लगा था कि यह मैच डेढ दिन में खत्म हो जाएगा लेकिन उन्होंने इस में नाबाद 250 रन बनाए. उन्होंने कहा, ‘‘उस मैच से पहले मुझे लगा था कि विकेट काफी मुश्किल है और डेढ़ दिन में मैच खत्म होगा. इस मैच में कई ऐसे खिलाड़ी थे जो राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के दावेदार थे इसलिए मैं बिना किसी उम्मीद के बल्लेबाजी करने उतरा और पिच शानदार रही. विकेट उम्मीद के विपरीत धीमा था और उसमें दरारे नहीं पड़ी.’’
पर्थ की पिच की तरह ही लगी हैरिस को मेलबर्न की पिच
हैरिस ने कहा, ‘‘ मैंने आज सुबह पिच देखी और वह उसी मैच की तरह है. ये ऐसा विकेट है जहां आप अच्छा खेलेंगे तो रन बनायेंगे. अच्छी गेंदबाजी करेंगे तो विकेट मिलेगा.’’ एमसीजी के क्यूरेटर मैट पेज ने कहा था कि इस पिच से गेंदबाज और बल्लेबाज दोनों को बराबर मदद मिलेगी. उन्होंने कहा था कि इस पिच में सभी के लिए कुछ है.
इससे पहले पर्थ के नए ऑरप्टस मैदान पर पांचों दिन पिच पर असमान उछाल रही थी. मैच के पहले दिन ही ऑस्ट्रेलिया के अन्य सलामी बल्लेबाज एरोन फिंच को मोहम्मद शमी की गेंद उछल कर लगी थी जिससे उनकी उंगली से खून निकलने लगा था.