इस्लामाबाद। पाकिस्तान में भारतीय राजनयिकों को परेशान किए जाने की एक और मामला सामने आया है. यह घटना 21 दिसंबर को पेशावर की है, जहां भारतीय उच्चायोग टीम को परेशान किया गया. इस घटना के वक्त भारतीय अधिकारी किस्सा ख्वानी बाजार से लौट रहे थे. यहां होटल पर्ल कंटीनेंटल के पास उनका वाहन रोककर दो पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा सड़क पर ही करीब आधे घंटे तक पूछताछ की गई.
इस दौरान भारतीय अधिकारियों ने उनसे अनुरोध किया कि वे होटल पहुंचने के बाद यात्रा के बारे में जानकारी एकत्र कर सकते हैं, क्योंकि यह मुख्य सड़क पर उनका खड़े रहना अनुचित और असुविधाजनक था, लेकिन पाक एजेंसी के अधिकारियों ने भारतीय अधिकारियों को वहां से जाने की अनुमति नहीं दी.
यहां तक की पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा भारतीय अधिकारियों को आगाह किया गया कि वे तुरंत इस्लामाबाद लौट जाएं. इसके बाद, भारतीय अधिकारियों को अपनी यात्रा को बीच में ही रोकना पड़ा, क्योंकि उनके पास इस्लामाबाद लौटने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.
भारत ने इस मुद्दे को इस्लामाबाद के समक्ष प्रमुखता से उठाया है. भारतीय उच्चायोग ने 23 दिसंबर को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को एक नोट जारी कर इस घटना की जांच करने का अनुरोध किया. भारत की तरफ से पाक अधिकारियों से कहा है कि वे नियमानुसार आने वाले राजनयिकों और मानकों के अनुसार राजनयिकों को पर्याप्त प्रोटोकॉल देने के लिए संवेदनशील बनें.
दरअसल, इससे पहले WION ने सबसे पहले पाकिस्तान में भारतीय राजनयिकों को परेशान किए जाने की खबर प्रकाशित की थी. इसमें बताया गया था कि इस्लामाबाद और लाहौर में भारतीय राजनयिकों की जासूसी कराई जा रही है. उन्हें नए गैस कनेक्शन नहीं दिए जा रहे हैं. कई वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों की इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई. सुरक्षा में कमी के चलते इस महीने एक अनजान व्यक्ति भारतीय अफसर के घर में घुस आए थे. इस पर पूर्व राजनायिक योगेश कुमार ने कहा था कि पाकिस्तान इन हरकतों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी ही छवि खराब होगी.
आरोप है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई एजेंट्स सवाल-जवाब के बहाने मेहमानों को धमकियां दे रहे हैं. राजनायिकों की जासूसी भी बढ़ा दी गई है. एजेंट्स उनका हर जगह पीछा कर रहे हैं.