पटना । औरंगाबाद में नक्सली हमले में बीजेपी एमएलसी के चाचा की हत्या के बाद सियासी गलियारों में नक्सली गतिविधियों को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. इस घटना पर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने बड़ा बयान देकर सबको चौंका दिया है. मांझी ने कहा है कि नक्सली हमारे भाई ही हैं. बंदूक की नोक से नक्सलवाद से निपटा नहीं जा सकता.
शनिवार को बिहार में नक्सलियों ने फिर से अपनी धमक का एहसास सरकार को करा दिया है. बिहार की सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार एकबार फिर गर्म हो गया है कि क्या नक्सलियों धमक से बिहार आजाद नहीं हो सकेगा?
इस पूरे मामले पर जब जी मीडिया ने पूर्व सीएम जीतन राम मांझी से बात की तो उन्होंने चौकाने वाला बयान दिया है. मांझी ने नक्सलियों को अपने ही बीच का भाई बताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि बंदूक की नोक से नक्सलवाद का निपटारा नहीं किया जा सकता है.
मांझी ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ सरकार की ओर से कमजोर कार्रवाई नहीं की जा रही, लेकिन इसके बावजूद भी नक्सल आंदोलन चल रहे हैं. हलांकि मांझी ने यह माना कि बिहार में नक्सलवाद कमजोर जरुर हुआ है. मांझी ने कहा कि अगर कोई भाई खिलाफत कर रहा है तो बड़े भाई को यह सोचना पड़ेगा कि आखिर वह ऐसा क्यों कर रहा है. नक्सलियों को रोकने के लिए इसके मूल कारण में जाना होगा.
पूर्व सीएम ने कहा कि अल्पविकसित अविकसित क्षेत्रों में ही क्यों नक्सवादी गतिविधियां हो रही हैं, यह सोचना होगा. दलित गरीबों के बीच से ही लोग नक्सली क्यों बन रहे हैं, यह भी सोचना होगा. जब तक शिक्षा कृषि के क्षेत्र में इस समाज के लिए बेहतर काम नहीं होगा तब तक हालात नहीं सुधरेंगे. वंचित तबके को शैक्षणिक, सामाजिक और राजनीतिक हिस्सेदारी की जरुरत है और इसपर गंभीरता से सोचने की जरुरत है.
वहीं, औरंगाबाद की घटना पर बीजेपी के एमएलसी की ओर से सवर्ण समाज की अनदेखी का परिणाम बताए जाने पर जीतन राम मांझी ने आपत्ति जतायी है. जीतन राम मांझी ने कहा है कि अपराध की किसी भी घटना को फॉरवर्ड या बैकवार्ड से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. पूर्व सीएम ने बिहार की विधी व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब हालात ऐसे हो गये हैं कि राजनीतिक परिवार भी अपराध के चंगुल से नहीं बच पा रहे. नीतीश सरकार की पहचना अब दुष्कर्म, भ्रष्टाचार और क्राईम से हो गई है.