बसपा की कांग्रेस सरकार को धमकी, कहा- केस वापस नहीं लिए तो समर्थन पर करेंगे विचार

लखनऊ। मध्य प्रदेश में 7 जनवरी को विधानसभा सत्र शुरू होने जा रहा है. इससे पहले बहुजन समाजवादी पार्टी ने एक चेतावनी देकर कांग्रेस सरकार के लिए परेशानी खड़ी कर दी है. बसपा की मुखिया मायावती ने कमलनाथ सरकार से मांग की है कि सूबे में एससी-एसटी वर्ग पर आंदोलन के दौरान लगे केस वापस लिए जाएं. अगर ऐसा नहीं हुआ तो समर्थन पर एक बार फिर विचार किया जाएगा.

बहुजन समाज पार्टी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा,  ”हम मांग करते हैं कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में एससी/एसटी एक्ट-1989 के लिए 2 अप्रैल 2018 को आयोजित ‘भारत बंद’ के दौरान दर्ज किए गए मामलों को वापस लिया जाए. अगर ये मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो हम कांग्रेस को बाहरी समर्थन देने के अपने फैसले पर दोबारा विचार करेंगे.”

बसपा का बयान तब आया है जब मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार के नवनियुक्त विधि और विधायी कार्य मंत्री पीसी शर्मा ने हाल ही में कहा कि बीजेपी सरकार के दौरान प्रदेश में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ राजनीति से प्रेरित होकर दर्ज किये गये मामले वापस लिए जाएंगे.

शर्मा ने कहा था, ‘‘ आंदोलनों में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारी नेताओं के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने पर विचार किया जाएगा. मैं अपने विभाग के प्रमुख सचिव से जल्द ही इस मामले में प्रस्ताव तैयार करने के लिये चर्चा करूंगा.’’

मध्यप्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं और बहुमत के लिए 116 विधायकों की जरूरत होती है. विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 41 फीसदी वोट मिले लेकिन सिर्फ 109 सीटें ही मिलीं. कांग्रेस के खाते में 114 सीटें आई हैं. 4 निर्दलीय, बसपा के 2 और सपा के एक विधायक के समर्थन से कांग्रेस 121 विधायक अपने पास होने का दावा कर रही है. कांग्रेस नेता कमलनाथ को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिला दी है.

कमलनाथ सरकार के लिए मुसीबत न बन जाए ‘जयस’
उधर, जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) के प्रमुख और कांग्रेस के विधायक डॉ. हीरा अलावा ने इशारों-इशारों में मंत्री न बनाए जाने पर चेतावनी दे डाली है. डॉ. अलावा ने हाल ही में कहा, “जयस ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है. वादे के मुताबिक, जयस की भागीदारी सरकार में होनी चाहिए, जयस को अनदेखा करना कांग्रेस की बड़ी भूल होगी.”

बता दें कि धार जिले के मनावर विधानसभा क्षेत्र से डॉ. अलावा कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीते हैं. जयस और कांग्रेस के बीच हुए गठबंधन के चलते यह विधानसभा क्षेत्र उन्हें दिया गया था. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पहली बार के विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने की बात कही है, उसके बाद डॉ. अलावा के इस ट्वीट को काफी अहम माना जा रहा है.

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