नई दिल्ली। नोटबंदी के दो साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे लेकर उठ रहे सवालों पर सफाई दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी को झटका मानने से इनकार करते हुए कहा है कि हमने काला धन जमा करने वालों को एक साल पहले ही चेता दिया था कि अगर उनके पास अवैध रूप से धन जमा है तो वे जुर्माना देकर उसे जमा कर सकते हैं और माफी पा सकते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि हमने लोगों को पहले ही आगाह किया हुआ था. लेकिन लोगों को लगा कि मोदी भी दूसरे नेताओं की तरह ही हैं इसलिए बहुत कम लोग ही स्वैच्छिक रूप से अपने जमा पैसों का खुलासा करने आगे आए.
मोदी ने कहा कि ये सच्चाई है कि उन्हें जिन्हें देश का पहला परिवार कहा जाता है, जिनकी चार पीढ़ियों ने देश को चलाया और जो आज वित्तीय अनियमितताओं को लेकर जमानत पर हैं. वे और उनकी सेवा में लगे लोग ही इस तरह की सूचना फैलाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि नोटबंदी के खिलाफ माहौल बनाया जा सके.
प्रधानमंत्री से पूछा गया कि नोटबंदी से आखिर फायदा क्या हुआ, मोदी ने उसके 5 फायदे बताए
1-जो बोरे भर-भरके पैसे घर में रखे जाते थे वह बैंकिंग प्रणाली में आए.
2-नोटबंदी के बाद एक ईमानदारी आई, नई पीढ़ी के लोगों को यह समझ में आया कि उन्हें ईमानदारी से काम करना है. उनके पिता दादा इसलिए टैक्स चुराते थे कि देश में उसी तरह का माहौल था लेकिन अब ऐसा नहीं है.
3-यह साफ देखा जा सकता है कि नोटबंदी के बाद से टैक्स अदा करने वालों की संख्या बढ़ी है.
4-लोगों को बैंकिंग सिस्टम के माध्यम से काम करने का मौका मिला है.
5-जीडीपी की तुलना में करंसी कम होती जा रही है, यह शुभ संकेत है. एक समय ऐसा आ गया था कि जीडीपी की अपेक्षा करंसी के रेश्यो बहुत ज्यादा हो गया था, ऐसा ही चलता रहता तो आज करेंसी रखने की समस्या आ जाती.
गौरतलब है कि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान करते हुए 500 और 1000 के नोट बैन कर दिए थे. ये नोट तुरंत ही प्रचलन से बाहर हो गए थे और उसके बाद देशभर में पुराने नोटों को बदलने के लिए जनता के हर वर्ग को मशक्कत करनी पड़ी. कुछ लोगों को बैंक के बाहर लगी लंबी लाइन में जान भी गंवानी पड़ी थी. विपक्ष नोटबंदी को बड़ा घोटाला करार देता रहा है जबकि सरकार का दावा है कि नोटबंदी काले धन के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक थी. अब खुद पीएम ने दावा किया है कि नोटबंदी देश के फायदे के लिए थी.