नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सरकारी बैंकों- देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) के विलय को मंजूरी प्रदान कर दी. केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद के मुताबिक, इस विलय से बैंक ऑफ बड़ौदा देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक और ‘वैश्विक प्रतिस्पर्धी निकाय’ बन जाएगा. मंत्री ने कहा कि इस विलय से कर्मचारियों की छंटनी नहीं होगी, क्योंकि देना और विजया बैंक के कर्मचारियों को बैंक ऑफ बड़ौदा में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.
सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सहयोग के लिए पहले ही कोष उपलब्ध कराने की बात कह चुकी है. सरकार को उम्मीद है कि तीन बैंकों के विलय से अस्तित्व में आने वाला बैंक बेहतर काम करेंगा. सरकार ने सितंबर में सार्वजनिक क्षेत्र के विजया बैंक और देना बैंक का रिजर्व बैंक की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) रूपरेखा के तहत बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय करने की घोषणा की थी.
इस विलय से देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक अस्तित्व में आएगा. बैंकिंग यूनियन लगातार विलय का विरोध कर रहा है. यूनियनों का दावा है कि सरकार विलय के जरिये बैंकों का आकार बढ़ाना चाहती है. लेकिन, यदि सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को भी मिलाकर एक कर दिया जाए तो भी विलय के बाद अस्तित्व में आई इकाई को दुनिया के शीर्ष दस बैंकों में स्थान नहीं मिलेगा.