INDvsAUS: पुजारा का सिडनी में शानदार शतक, लगाई सीरीज की तीसरी सेंचुरी

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज में चेतेश्वर पुजारा ने आखिरी टेस्ट में भी शानदार प्रदर्शन जारी रखा और टीम के लिए अहम योगदान देते हुए शानदार शतक लगाया. पुजारा के टेस्ट करियर का यह 18 वां शतक है. टीम इंडिया की खराब शुरुआत, केवल 10 रन पर एक विकेट, के बाद चेतेशवर पुजारा मुश्किल परिस्थितियों में बल्लेबाजी करने आए और मयंक अग्रवाल के साथ लंच तक टीम को मजबती प्रदान की. लंच के बाद पुजारा मौका देख कर रन बनाने से नहीं चूके और मयंक के आउट होने के बाद भी अपने रनों की रफ्तार में कमी नहीं आने दी और चाय से पहले ही अपनी फिफ्टी पूरी कर ली.

विराट को विकेट खोने के बाद भी नहीं रुके पुजारा
चाय तक टीम इंडिया को स्कोर दो विकेट के नुकसान पर 177 रन हो गया था. चाय के बाद के अगले ओवर में ही टीम इंडिया के कप्तान आउट हो गए, लेकिन यहां भी पुजारा ने अपने खेलने का अंदाज नहीं बदला, बल्कि उन्हें और भी ज्यादा रन बनाने वाली गेंदें मिलती गईं और वे गेंदें उनके मुताबिक ट्रीटमेंट देते गए. पुजारा ने अपने 100 रन 199 गेंदों में पूरे किए.

पुजारा ने इससे पहले मेलबर्न में भी सीरीज के तीसरे टेस्ट में बेहतरीन शतक लगाया था. पुजारा ने मेलबर्न में 280 गेंदों में अपने करियर का सबसे धीमा  शतक पूरा किया था. पुजारा ने इस पारी में 106 रन बनाए थे और टीम इंडिया के लिए मजबूत नींव रखी थी जिसकी वजह से टीम इंडिया पहली पारी में 443 रन बना सकी थी. टीम का यही स्कोर उसकी जीत का आधार बना था. मेलबर्न की पारी में ऑस्ट्रेलिया की कसी हुई गेंदबाजी के बीच पुजारा ने ये 68 रन बनाने में 200 गेंदें लगाई थी.

पुजारा से आगे हैं अब केवल दो ही भारतीय बल्लेबाज
पुजारा ऑस्ट्रेलिया में किसी टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले तीसरे बल्लेबाज हो गए हैं. विराट कोहली ने 2014 में चार शतक लगाए थे. वहीं उससे पहले पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर भी 1977-78 में ऑस्ट्रेलिया दौरे में तीन शतक लगाए थे.

एडिलेड में भी लगा चुके हैं शतक
मेलबर्न से पहले एडिलेड टेस्ट में भी पुजारा ने पहली पारी में शानदार 123 रन बनाए थे जिसकी वजह से टीम इंडिया एडिलेड टेस्ट में ऐतिहासिक जीत हासिल कर सकी थी. एडिलेड में एक सेंचुरी और एक हाफ सेंचुरी लगाने के बाद पुजारा पर्थ टेस्ट में केवल 24 और 4 रनों की पारी खेल पाए थे. इस मैच में पुजारा दोनों ही पारियों में तेज गेंदों पर विकेट के पीछे लपके गए थे. पुजारा पहले टेस्ट में मैन ऑफ द मैच भी रहे थे.

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