अखिलेश यादव का तंज, अच्छा है! पहले कांग्रेस ने हमें CBI से मिलवाया अब BJP ने रंग दिखाया

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल में हुए कथित अवैध खनन मामले पर सीबीआई की कार्यवाही के बाद खुद से पूछताछ की आशंका के बारे में रविवार को कहा कि वह सीबीआई को जवाब देने के लिये तैयार हैं, मगर बीजेपी यह याद रखे कि वह जिस संस्कृति को छोड़कर जा रही है, कल उसे भी उसका सामना करना पड़ेगा. अखिलेश ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में खुद पर सीबीआई जांच की आंच पड़ने की आशंका के सवाल पर कहा, ‘सपा इस कोशिश में है कि ज्यादा से ज्यादा लोकसभा सीटें जीते. जो हमें रोकना चाहते हैं, उनके पास सीबीआई है. एक बार कांग्रेस ने सीबीआई जांच करायी थी, तब भी पूछताछ हुई थी. अगर बीजेपी यह सब करा रही है और सीबीआई पूछताछ करेगी तो हम जवाब देंगे. मगर जनता बीजेपी को जवाब देने के लिये तैयार है.’

उन्होंने कहा ‘आखिर सीबीआई छापेमारी क्यों कर रही है. जो पूछना है हमसे पूछ ले, लेकिन बीजेपी के लोग यह याद रखें कि जो संस्कृति वे छोड़कर जा रहे हैं, उसका कल उन्हें भी सामना करना पड़ेगा.’

अखिलेश ने तंज भरे लहजे में कहा कि अब तो सीबीआई को बताना पड़ेगा कि हमने गठबंधन में कितनी-कितनी सीटें बांटी हैं. ‘मुझे खुशी है इस बात की कि कम से कम बीजेपी ने अपना रंग दिखा दिया. पहले कांग्रेस ने हमें सीबीआई से मिलने का मौका दिया था. इस बार बीजेपी यह मौका दे रही है.’

मालूम हो कि पूर्ववर्ती सपा सरकार के शासनकाल में वर्ष 2012 से 2016 के बीच राज्य में हुए कथित खनन घोटाला मामले में सीबीआई ने कल लखनऊ में आईएएस अफसर बी. चंद्रकला के घर पर छापा मारा था. सीबीआई ने बुंदेलखण्ड में अवैध खनन के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर चंद्रकला समेत 11 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था.

वर्ष 2012-13 में खनन विभाग तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास था. लिहाजा माना जा रहा है कि सीबीआई इस मामले में उनसे भी पूछताछ कर सकती है.

सपा-बसपा गठबंधन का एलान ‘एकाध हफ्ते’ में : अखिलेश
सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सपा और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के गठबंधन का ‘एकाध हफ्ते’ में एलान होने के संकेत देते हुए रविवार को कहा कि सपा और बसपा बीजेपी के ही सिखाये पाठ पर अपना गणित दुरूस्त कर रहे हैं. अखिलेश ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में सपा-बसपा के गठबंधन की औपचारिक घोषणा के समय के बारे में पूछे जाने पर कहा ‘गठबंधन का समय भी पता लगेगा आपको. बस, एकाध हफ्ते की बात है.’ उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जो गणित सबको सिखाया. बीजेपी ने अपना गणित ठीक करने के लिये देश में ना जाने कितने गठबंधन किये. शायद सपा-बसपा भी अपना गणित दुरूस्त कर रहे हैं.

गठबंधन में कांग्रेस को शामिल करने की सम्भावनाओं के सवाल पर अखिलेश ने कहा ‘गठबंधन के दोनों नेताओं को तय करना है कि कांग्रेस साथ होगी या नहीं.’

हालांकि सपा अध्यक्ष ने गठबंधन के बारे में विस्तार से कुछ भी बताने से इनकार किया. उन्होंने कहा कि जहां तक उत्तर प्रदेश और देश का सवाल है तो लोग परिवर्तन चाहते हैं. देश ने ऐसा वक्त देखा है, जहां हर चीज रुक गयी और जो वादे किये गये थे, वे पूरे नहीं हुए, लिहाजा देश बदलाव चाहता है.

मालूम हो कि सपा और बसपा के गठबंधन को लेकर सरगर्मियां खासी तेज हो गयी हैं. गठबंधन को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश और बसपा प्रमुख मायावती के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है. माना जा रहा है कि गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल और कुछ अन्य छोटे दलों को भी शामिल किया जा सकता है.

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