INDvsAUS: इयान चैपल ने पुजारा की तारीफ कर बताया, कैसे हुए वे ऑस्ट्रेलिया पर हावी

टीम इंडिया के ऑस्ट्रेलिया दौरे की टेस्ट सीरीज में शानदार प्रदर्शन पर भारतीय खिलाड़ियों की हर जगह तारीफ हो रही है. यहां तक कि ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज भी भारतीय टीम के खिलाड़ियों के बेहतरीन प्रदर्शन की तारीफ करने से नहीं चूक रहे हैं. इसी कड़ी  में किसी की तारीफ करने में कंजूसी के लिए मशहूर ऑस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर इयान चैपलका नाम भी जुड़ गया है.

चैपल ने मौजूदा सीरीज में रनों का अंबार लगाने वाले भारतीय क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा को विराट कोहली के ‘साम्राज्य’ का ‘सबसे अनमोल रत्न’ करार दिया. पुजारा ने मौजूदा सीरीज में तीन शतकीय पारियां खेली हैं जिसने भारत का प्रभुत्व कायम करने में अहम भूमिका निभाई है. चैपल ने कहा, ‘‘ पुजारा ने अकेले दम पर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को थकाने के साथ टीम के खिलाड़ियों को उनके खिलाफ आक्रामक होने का मौका दिया.’’

यह भी कहा पुजारा की तारीफ में
भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में पहली बार सीरीज जीतने के करीब है और पूर्व कप्तान ने पुजारा की तारीफ की. उन्होंने कहा, ‘‘कोहली भारतीय क्रिकेट के बादशाह होंगे लेकिन पुजारा ने साबित किया वह उनके साम्राज्य के वफादार सहयोगी और अनमोल रत्न हैं. भारतीय टीम के लिए इस सीरीज में कई अच्छी चीजें हुई हैं जिसमें जीत के अलावा पुजारा का रक्षात्मक खेल भी शामिल है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘सीरीज में तीन शतक लगाने के साथ ही वह अपने देश के महान खिलाड़ी सुनील गावास्कर की श्रेणी में शामिल हो गए, जिन्होंने 1977-78 में ऐसी ही उपलब्धि हासिल की थी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘सात पारियों में 521 रन बनाने के दौरान वे 1867 मिनट तक क्रीज पर रहे और उन्होंने 1258 गेंदों का सामना किया.’’

ऑस्ट्रेलिया का ध्यान कहीं और था
चैपल ने कहा कि सीरीज शुरू होने से पहले घरेलू टीम का पूरा ध्यान कोहली को आउट करने पर था जिसने पुजारा का काम आसान कर दिया. उन्होंने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम का ध्यान विराट कोहली पर था लेकिन पुजारा ने शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने भारत को ऑस्ट्रेलिया में पहली बार सीरीज जीतने के अलावा शीर्ष श्रेणी के गेंदबाजी आक्रमण को पूरी तरह से हताश किया.’’

पंत से भी प्रभावित नजर आए चैपल
चैपल युवा भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत से भी प्रभावित नजर आए जिन्होंने चौथे टेस्ट में 159 रन की नाबाद पारी खेली. उन्होंने कहा, ‘‘ ऋषभ ने बल्ले से शानदार कौशल दिखाया. उनमें अनुशासन की कमी थी लेकिन मेलबर्न टेस्ट में उनके रवैये में बदलाव आया और सिडनी में जब कोहली ने पारी घोषित की तब तक उनमें काफी सुधार हो चुका था.’’

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