संसद में शाह ने दिए संकेत, 10 फीसदी तक सीमित नहीं रहेगा सवर्णों का कोटा

नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों से सामान्य वर्ग के आर्थिक पिछड़ों को 10 फीसदी आरक्षण देने वाला बिल पास हो गया है. मंगलवार को लोकसभा में दो-तिहाई से ज्यादा बहुमत से पारित होने के बाद बुधवार को राज्यसभा में इस बिल पर लंबी चर्चा हुई और यहां से भी संविधान में 124वें संशोधन को हरी झंडी मिल गई, जिससे आरक्षण का रास्ता साफ हो गया.

इससे पहले दिनभर चली चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव जब अपनी राय रख रहे थे, तो इस बीच भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद अमित शाह ने बड़े संकेत दिए. अपने बयान में जब रामगोपाल यादव कह रहे थे कि जो फैसला सरकार ने लिया है, उसके दायरे में आने वालों की तादाद बहुत बड़ी है. 98 फीसदी उच्च जाति के गरीब लोगों को 10 फीसदी आरक्षण और 2 फीसदी अमीर सवर्णों को 40 फीसदी आरक्षण, यह कहां है समता का अधिकार?

इस पर अमित शाह ने अपनी सीट से ही कहा कि मेरिट वाले में कोई भी गरीब बच्चा भी आ सकता है फिर चाहे वह दलित हो या आदिवासी हो. अमित शाह के इस तर्क पर रामगोपाल यादव ने कहा कि अगर ऐसा है तो फिर संख्या और कम हो जाएगी. रामगोपाल यादव के इसी बिंदु पर अमित शाह ने कहा कि बढ़ाएंगे…बढ़ाएंगे….

अमित शाह के इस बयान को रामगोपाल यादव ने मानो कैच कर लिया और तुरंत हंसते हुए अमित शाह से कहा कि जब जवाब दें तो बताइएगा कि दायरा बढ़ाएंगे.

शाह-रामगोपाल में हुई बहस

सदन में चर्चा के दौरान अमित शाह और रामगोपाल यादव के बीच बहस भी देखने को मिली. दरअसल, रामगोपाल यादव ने कहा कि जिन गरीबों को फायदा पहुंचाने की बात सरकार कर रही है, उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा. उन्होंने इसके पीछे तर्क देते हुए कहा कि मेरिट का आंकड़ा आपने छोटा कर दिया और संख्या को बढ़ा दिया. इस पर अमित शाह ने जवाब दिया कि जब आप मुस्लिम आरक्षण की बात करते हैं तो क्या तब मेरिट की संख्या कम नहीं होती.

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