आईटी हब कहे जाने वाला कर्नाटक का बेंगलुरु शहर एक बार फिर गैंगरेप की वारदात से शर्मसार हो गया. इस घिनौनी वारदात को एक ऐप बेस्ड बाइक सर्विस के चालक ने अपने साथी के साथ मिलकर अंजाम दिया. हालांकि पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए इस वारदात के लिए जिम्मेदार दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. मगर वारदात के बाद एक सवाल उठ रहा है कि क्या ये बेंगलुरु में ऐप बेस्ड राइड सर्विस महिलाओं के लिए सेफ नहीं हैं?
यह वारदात 25 से 26 नवंबर की दरम्यानी रात की है. पुलिस कमिश्नर प्रताप रेड्डी ने बताया कि यह बेंगलुरु की इलेक्ट्रॉनिक सिटी की सीमा में एक बेहद गंभीर मामला सामने आया है. जिसमें 22 वर्षीय एक लड़की देर रात रैपिडो पर एक दोस्त के घर से दूसरे दोस्त के घर जा रही थी. उसी दौरान ड्राइवर ने देखा कि लड़की पूरी तरह से होश में नहीं थी. इसी बात का फायदा उठाकर वो लड़की को इलेक्ट्रॉनिक सिटी में किसी सुनसान जगह पर ले गया और वहां अपने एक दोस्त के साथ उसका बलात्कार किया.
पुलिस कमिश्नर के मुताबिक, पुलिस को छानबीन के दौरान पता चला है कि एक अन्य महिला ने भी आरोपियों की मदद की और पीड़िता के दोस्त को बलात्कार के बारे में भी नहीं बताया. दर्द बढ़ जाने पर रेप पीड़िता अगले दिन दोपहर में अस्पताल पहुंची तो तब उसे बलात्कार के बारे में पता चला और पुलिस को इत्तिला दी. पुलिस ने जानकारी मिलते ही एफआईआर दर्ज कर ली.
इसके बाद पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाते हुए ऐप की मदद से आरोपी चालक को ट्रेस कर लिया और दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने कमिश्नर ने बताया कि चूंकि यह एक बहुत ही गंभीर मामला है, इसलिए फोरेंसिक टीम को जांच में शामिल किया गया है. फोरेंसिक टीम ने सबूत इकट्ठा करने के लिए मौका-ए-वारदात पर जाकर जांच पड़ताल की. इस मामले की निगरानी डीसीपी खुद कर रहे हैं.
पुलिस कमिश्नर का दावा है कि वे जल्द ही इस केस की जांच पूरी कर लेंगे और आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाएंगे. पुलिस आरोपियों की पृष्ठभूमि भी जांच रही है. पुलिस को पता चला है, उनमें से एक आरोपी के नाम पर पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. अपराधियों में से एक मोबाइल फोन स्टोर में काम करता है और दूसरा रैपिडो ड्राइवर है.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपियों की मददगार आरोपी महिला रैपिडो चालक की दोस्त है. वे पीड़िता को इलेक्ट्रॉनिक सिटी के एक कमरे में ले गए थे, जो आरोपियों में से एक का है. पीड़िता को नहीं पता कि महिला कब उस कमरे में आई थी लेकिन जब पीड़िता के दोस्त अगले दिन उसका पता लगाने की कोशिश कर रहे थे, तो आरोपियों की सहयोगी महिला ने उनसे झूठ बोला कि उन्होंने पीड़िता को केवल आश्रय दिया था, क्योंकि वह रात में होश खो बैठी थी.
बताया जाता है कि बलात्कार के समय भी आरोपियों की मददगार महिला वहीं मौजूद थी. उसकी उम्र भी 22 साल है. सभी आरोपी लगभग एक ही उम्र के हैं. दोनों युवकों की उम्र 22 और 23 वर्ष है. वारदात को अंजाम देने वाले दोनों लड़के एक ही मोहल्ले के रहने वाले हैं.
पुलिस कमिश्नर का कहना है कि वे अपने स्तर पर इस मामले के बाद सभी इस तरह के ऐप के मालिकों को पुलिस का सहयोग करने और ऐप पर सुरक्षा वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए बुलाएंगे. एंटीडिडेंट वेरिफिकेशन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि चूंकि इन कंपनियों के पास यह डेटाबेस है, इसलिए इस तरह की घटनाओं के मामले में हमारे लिए आरोपी का पता लगाना आसान होता है. इसी तरह से आरोपी पकड़े गए हैं.
पहले भी हुई थी गैंगरेप की वारदात
बेंगलुरु में इस साल मार्च में भी एक गैंगरेप की वारदात हुई थी. पुलिस ने एक नर्स से कथित तौर पर गैंगरेप के मामले में दिल्ली के 4 पेशेवर तैराकों को गिरफ्तार किया था. सभी ट्रेनिंग के लिए बेंगलुरु आए हुए थे. इसमें से एक आरोपी रजत 22 साल की पीड़िता के साथ डेटिंग ऐप के जरिए संपर्क में आया था. लड़की ने पुलिस को बताया था कि आरोपी ने उसे होटल के कमरे में मिलने बुलाया था. जब युवती उससे मिलने पहुंची तो वहां पहले से उसके तीन दोस्त मौजूद थे. युवती का आरोप है कि वहां पहुंचने के बाद चारों ने मिलकर उसका गैंगरेप किया था.