BJP कार्यकर्ता की रिहाई में हुई देरी पर SC नाराज़, कहा- आधे घंटे में आदेश पर अमल होना चाहिए था

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में सीएम ममता बनर्जी की मज़ाकिया फोटो फेसबुक पर पोस्ट करने के लिए गिरफ्तार बीजेपी कार्यकर्ता प्रियंका शर्मा की रिहाई में देरी के लिए आज सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई. कल कोर्ट ने प्रियंका की तुरंत रिहाई का आदेश दिया था.

आज बीजेपी कार्यकर्ता के परिवार की तरफ से वरिष्ठ वकील नीरज किशन कौल ने कोर्ट को जानकारी दी कि सुबह तक प्रियंका को रिहा नहीं किया गया है. इस पर नाराजगी जताते हुए 2 जजों की बेंच की अध्यक्षता कर रहीं जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने कहा, “हमारा आदेश आने के आधे घंटे के भीतर रिहाई हो जानी चाहिए थी. अगर ऐसा अब तक नहीं हुआ है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.”

राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश वकील आस्था शर्मा ने कहा कि सुबह करीब 9.40 पर प्रियंका को रिहा कर दिया गया है. घटनाक्रम पर साफ तौर नाखुश नज़र आ रहीं जज ने टिप्पणी की, “अगर उसे रिहा नहीं किया गया होता तो हम अभी तुरंत अवमानना ​का नोटिस जारी करते.”

प्रियंका के परिवार की तरफ से कोर्ट को ये भी बताया गया कि कोलकाता पुलिस इस मामले में मजिस्ट्रेट के सामने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर चुकी है. लेकिन कल सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान इसकी जानकारी छिपाई गई. राज्य सरकार और पुलिस से इस पर जवाब मांगा जाना चाहिए. कोर्ट ने पूरे मामले को लंबित रखते हुए कहा है कि वो जुलाई में इस पर विस्तार से सुनवाई करेगा. कोर्ट ने कहा, “पहली नज़र में यही लग रहा है कि गिरफ्तारी मनमाने तरीके से की गई.”

कल कोर्ट ने बीजेपी कार्यकर्ता की तुरंत रिहाई का आदेश देते हुए कहा था कि वो रिहा होने के बाद माफी मांगेंगी. ये कहेंगी की उनका इरादा किसी को आहत करने का नहीं था. हालांकि, कोर्ट ने इसे रिहाई की शर्त नहीं कहा था. आज कोर्ट को बताया गया कि प्रियंका को रिहा करने से पहले उनसे जबरन माफीनामे पर दस्तखत करवाया गया. ये माफीनामा पुलिस पहले से तैयार कर के लाई थी. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि ये भी कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है.

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