लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस को बड़ा दिल दिखाने को कहा। तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव के संबंध में उन्होंने कहा, कांग्रेस को समान विचारधारा वाले दलों को साथ लेकर चलना चाहिए। अगर देरी हो जाएगी तो हो सकता है कि और दल भी अपने प्रत्याशी घोषित कर दें। बाद में ये आरोप लगे कि वे भाजपा से मिले हुए हैं।
अखिलेश यादव का बयान ऐसे समय आया है जब बसपा प्रमुख मायावती ने राजस्थान और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन न करने की घोषणा की है। सीबीआई से डरकर बसपा के गठबंधन न करने संबंधी कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयान पर अखिलेश कहा, मै इतना जानता हूं कि बसपा किसी के डर से फैसला नहीं लेती।
सपा मुख्यालयों में मीडियाकर्मियों से अखिलेश ने कहा कि कांग्रेस अच्छी पार्टी है। उसे दिल बड़ा करना चाहिए। उनका इशारा मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों की तरफ था। उन्होंने कहा कि गठबंधन की जिम्मेदारी कांग्रेस की है। अखिलेश इसके पहले भी कह चुके हैं कि गठबंधन के लिए वह दो-चार कदम पीछे हटने को तैयार हैं।
बता दें, बसपा अध्यक्ष मायावती ने यूपी में कांग्रेस के साथ महागठबंधन और लोकसभा चुनाव में भाजपा विरोधी व्यापक मोरचेबंदी की संभावना को झटका दे दिया। उन्होंने बुधवार को राजस्थान और मध्यप्रदेश में अपनी दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। मायावती ने बयान में कांग्रेस की तुलना भाजपा से करते हुए कहा कि दोनों दलों ने दलितों और पिछड़ों के लिए कोई काम नहीं किया है। हालांकि मायावती ने यह भी कहा कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बसपा से गठबंधन चाहते थे, लेकिन दिग्विजय सिंह के चलते यह गठबंधन नहीं हो पाया।
दिग्विजय को बताया भाजपा का एजेंट
मायावती ने दिग्विजय सिंह पर आरोप लगाया कि वे भाजपा के एजेंट हैं। उन जैसे नेता कांग्रेस-बसपा का गठबंधन नहीं होने देना चाहते। मायावती ने गोवा में कांग्रेस की सरकार न बनने के लिए दिग्विजय को दोषी ठहराया। मायावती के रुख से उत्तर प्रदेश में महागठबंधन और आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की अगुवाई में व्यापक गठबंधन की संभावना को गहरा झटका लग सकता है।